क्रायोमोड्यूल विकास एवं निम्नताप अभियांत्रिकी अनुप्रयोग अनुभाग

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क्रायोमोड्यूल विकास एवं निम्नताप अभियांत्रिकी अनुप्रयोग अनुभाग (सी.डी.सी.ए.एस.) को भविष्य के इंडियन फैसिलिटी फॉर स्पेलेशन रिसर्च (आई.एफ.एस.आर.) के लिए 650 मेगाहर्ट्ज क्रायोमोड्यूल को डिजाइन और विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सी.डी.सी.ए.एस. ने 650 मेगाहर्ट्ज सुपरकंडक्टिंग रेडियो-फ्रीक्वेंसी (एस.सी.आर.एफ.) केविटी के परिक्षण करने के लिए होरिजोंटल टेस्ट क्रायोस्टैट का डिजाइन और विकास सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस अनुभाग ने विभिन्न स्वदेशी निर्मित तकनीकों का सफलतापूर्वक विकास किया है। इस अनुभाग ने यांत्रिकी, क्रायोजेनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन और इलेक्ट्रॉनिक्स में विशेषज्ञता हासिल की है।

सी.डी.सी.ए.एस. ने क्रायोजेनिक तकनीक के विभिन्न उत्पादों का सफलतापूर्वक विकास किया है। इसमें फलों और सब्जियों के लिए लिक्विड नाइट्रोजन आधारित परिवहन योग्य प्रशीतन प्रणाली प्रमुख है। इसे शिवाय (शीतल वाहक यंत्र) नाम दिया गया है। टीकों के भंडारण और परिवहन के लिए इस प्रणाली के एक प्रकार शिवाय-वी नामक का विकास किया गया है। व्यावसायिक उपयोग के लिए RRCAT और M/s Tata Motors Ltd के बीच incubation समझौते के तहत, इस प्रौद्योगिकी का विकास M/s Tata Motors Ltd द्वारा किया जा रहा है।

प्रमुख उपलब्धियां

• क्रायोमोड्यूल का डिजाइन और विकास

भारतीय संस्थान फर्मीलैब सहयोग (आई.आई.एफ.सी.) कार्यक्रम के तत्वावधान में, आर.आर.केट के इस अनुभाग में हाई बीटा (बीटा=0.92) 650 मेगा हर्ट्ज़ सुपर कंडक्टिंग रेडियो फ्रीक्वेंसी केविटी क्रायोमॉड्यूल का डिजाइन और विकास कार्य किया जाता है। ये क्रायोमॉड्यूल्स डीएई के लिए किसी भी सुपरकंडक्टिंग प्रोटॉन लिनैक प्रोजेक्ट के हाई बीटा सेक्शन का हिस्सा होंगे।

हाई बीटा (एच.बी.) 650 मेगाहर्ट्ज क्रायोमॉड्यूल का उपयोग डी.ए.ई. की उच्च तीव्रता वाले सुपर कंडक्टिंग प्रोटॉन लिनैक परियोजना के उच्च ऊर्जा खंड में किया जाएगा। हाई बीटा क्रायोमॉड्यूल का व्यास लगभग 1 मीटर और लम्बाई 9.5 मीटर है| इसमें छह 650 मेगाहर्ट्ज़ की सुपर कंडक्टिंग रेडियो फ्रीक्वेंसी केविटी को 2 केल्विन तापमान पर सम्हाला और रखा जा सकता है। इन केविटी को ठंडा होने के बाद भी आदर्श बीम अक्ष के ± 0.5 मिमी के अलईन्मेन्ट के भीतर बनाए रखने की आवश्यकता होती है। निर्वात सिलिंडर, 70 केल्विन उष्मा रोधक कवच और केविटी सपोर्ट सिस्टम संरचना इसके मुख्य भाग है। क्रायोमॉड्यूल के बाहरी कवच स्टील का वेक्यूम वेसल है, जो सभी आंतरिक घटकों को वेक्यूम इंसुलेटेड वातावरण में रखता हैं। इस क्रायोमॉड्यूल के डिजाइन में मुख्य रूप से केविटी सपोर्ट सिस्टम (सी.एस.एस.), आंतरिक पाइपिंग, थर्मल शील्ड आदि का डिजाइन शामिल है।

क्रायोमॉड्यूल भागों जैसे वैक्यूम वेसल, 70K थर्मल शील्ड, कैविटी सपोर्ट सिस्टम, पाइपिंग कंपोनेंट्स और क्रायो-इंस्ट्रूमेंटेशन की खरीद शुरू कर दी गई है। घटकों के लिए संभावित खरीद विनिर्देश तैयार किया गया है और संभावित विक्रेताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी गई है।

छह एस.सी.आर.एफ. गुहा के लिए उच्च बीटा क्रायोमॉड्यूल का 3D मॉडल
छह एस.सी.आर.एफ. केविटी के लिए उच्च बीटा क्रायोमॉड्यूल का 3D मॉडल

क्रायोमॉड्यूल असेंबली इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास

जैकिंग सिस्टम (स्प्रेडर बार) केविटी स्ट्रिंग उठाने के लिए निम्नलिखित विशेषताओं के साथ विकसित किया गया है: -

  • क्षमता : 6 टन वजन 1 मीटर ऊंचाई तक उठाने की
  • ट्रांसलेटिंग, इनवर्टेड टाइप सेल्फ लॉकिंग वर्म गियर स्क्रू जैक
  • गति - 30 से 300 मिमी / मिनट और वीएफडी नियंत्रण के साथ
  • इंडक्टिव निकटता सेंसर (गैर-संपर्क प्रकार के) दोलन के दोनों सिरों के लिए
  • कुल लंबाई 10 मीट स्तंभों के बीच 1.6 मीटर चौड़ी स्पष्ट जगह
  • बीम के नीचे न्यूनतम ऊंचाई 1.5 मीटर (निम्नतम स्थान पर)
जैकिंग सिस्टम सबसे निचले स्थान पर
जैकिंग सिस्टम 1 मीटर की पूरी ऊंचाई पर
जैकिंग सिस्टम सबसे निचले स्थान पर
जैकिंग सिस्टम 1 मीटर की पूरी ऊंचाई पर


•सी.डी.सी.ए.एस द्वारा सुपरकंडक्टिंग रेडियो फ्रीक्वेंसी (एस.सी.आर.एफ.) का उपयोग करके लेजर-वेल्डिंग की सहायता से 1.3 गीगाहर्ट्ज की नाइओबियम केविटी का विकास किया गया है ।

लेजर-वेल्डिंग से 1.3 गीगाहर्ट्ज की सुपरकंडक्टिंग रेडियो फ्रीक्वेंसी (एस.सी.आर.एफ.) नाइओबियम केविटी का आर.आर.केट में विकास

"सबसे पहली लेज़र-वेल्डेड 1.3 गीगाहर्ट्ज़ एस.सी.आर.एफ. नाइओबियम केविटी को अभिनव लेजर वेल्डिंग तकनीक का उपयोग करके आर.आर.केट में विकसित किया गया था, जो 2K पर गुणवत्ता कारक (Q0) 1.0X1010 के साथ (Eacc) 31.6 MV/M के साथ (Eacc) 31.6 MV/M के एक्सीलेरशन ग्रेडिएंट तक पहुंची है ।"

लेजर वेल्डिंग द्वारा सुपरकंडक्टिंग रेडियो-फ्रीक्वेंसी (एस.सी.आर.एफ.) नाइओबियम केविटी को तैयार करने के लिए एक नवीन तकनीक सी.डी.सी.ए.एस. में विकसित की गई। इस तकनीक का उपयोग करके सी.डी.सी.ए.एस. में विकसित पहली लेजर-वेल्डेड 1.3 GHz सुपरकंडक्टिंग रेडियो फ्रक्वेंसी केविटी का फर्मीलैब, यूएसए में परीक्षण किया गया था, जिसमें 2K पर 1.0 X 1010 के गुणवत्ता कारक (Q0) के साथ एक्सीलेरशन ग्रेडिएंट (Eacc) 31.6 MV / m प्राप्त हुआ । यह प्रदर्शन इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग से जुड़ी पारंपरिक प्रक्रिया द्वारा निर्मित मानक केविटी के समान है।

The first laser-welded 1.3 GHz SCRF niobium cavity developed at RRCAT and tested at Fermilab, USA showed E<sub>acc</sub> of 31.6 MV/m with a Q0 of 1.0x10<sup>10</sup> at 2K.
Dr. R.K.Sinha, Chairman, Atomic Energy Commission & Secretary, Department of Atomic Energy, Government of India, discussing with Dr. P.D.Gupta, Director RRCAT the laser welding of SCRF niobium cavities.
पहली लेजर-वेल्डेड 1.3 गीगाहर्ट्ज (एस.सी.आर.एफ.) नाइओबियम केविटी सीडीसीएएस में विकसित हुई और जिसका फर्मी लैब, यूएसए में परीक्षण किया गया, इसमें 2K पर 1.0 X 1010 के गुणवत्ता कारक (Q0) के साथ एक्सीलेरशन ग्रेडिएंट (Eacc) 31.6 MV / m प्राप्त हुआ
डॉ. आर.के.सिन्हा (अध्यक्ष और सचिव परमाणु ऊर्जा आयोग, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार,) एवम डॉ. पी.डी. गुप्ता (निदेशक, आर आर कैट) के साथ सुपरकंडक्टिंग रेडियो फ्रीक्वेंसी नाइओबियम केविटी की लेजर वेल्डिंग के बारे में चर्चा करते हुए।

RRCAT ने आंतरिक रूप से विकसित 10 kW फाइबर-युग्मित Nd: YAG लेज़र का उपयोग करके लेजर कटिंग और वेल्डिंग तकनीक विकसित की है। इन लेजर को कई लेजर कटिंग और वेल्डिंग ऑपरेशन में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे कैंसर के इलाज के लिए ब्रेकीथेरेपी असेंबली की वेल्डिंग, हार्ट पेसमेकर के लिए टाइटेनियम शेल की वेल्डिंग, एन-मास कूलेंट चैनल रिप्लेसमेंट अभियान के दौरान तीन प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टरों (पी.एच.डब्ल्यू.आर.) में बेलो-लिप्स की रिमोट कटिंग, जिसके परिणामस्वरूप, पर्याप्त लागत की बचत हुई और कर्मियों के विकिरण जोखिम में कमी आई है। वर्तमान उदाहरण में, लेजर वेल्डिंग को सुपरकंडक्टिंग रेडियो-फ्रीक्वेंसी (एस.सी.आर.एफ.) केविटी के निर्माण के लिए नवीन प्रौद्योगिकी के विकास के लिए इस्तेमाल किया गया था। इस विचार की अवधारणा पहली बार RRCAT में की गई थी और इसे विकसित किया गया था। पहले एक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट "Niobium based superconducting radio frequency cavities comprising niobium components joined by laser welding, method and apparatus for manufacturing such cavities" (आवेदन संख्या। 09812469.6-2302 पीसीटी / आईएन20090621)के साथ दायर किया गया था | इस तकनीक का पेटेंट संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय, जापानी और भारतीय पेटेंट कार्यालय से स्वीकृत किया गया है।

साथ ही उपरोक्त तकनीक को हम कैसे व्यावहारिक प्रयोग में ला सकें इसके लिए भी प्रयास शुरू किए गए। वेल्डिंग के लिए एक इन-हाउस विकसित 10 kW फाइबर-कपल्ड Nd: YAG लेजर का उपयोग किया गया और भारतीय उद्योग की मदद से एक केविटी वेल्डिंग रिग का निर्माण किया गया । पैरामीटर अनुकूलन के लिए 150 से अधिक नमूनों पर लेजर वेल्डिंग प्रयोग किए गए और एक एकल-सेल 1.3 गीगाहर्ट्ज़ एस.सी.आर.एफ. नाइओबियम केविटी का निर्माण किया गया । केविटी का संसाधन और परीक्षण फर्मिलैब, यू.एस.ए. में किया गया। केविटी 2K पर 1.0x1010 के Q0 पर 31.6 MV/m के त्वरित ग्रेडिएंट तक चली गयी।

10 kW फाइबर-युग्मित  सुपरकंडक्टिंग कैविटी एन<br>
 डी: याग लेजर
पहली लेजर-वेल्डेड सिंगल-सेल वेल्डिंग सेटअप
1.3 गीगाहर्ट्ज Nb कैविटी
10 kW फाइबर- कपल्ड एनडी:याग लेजर
एस.सी.आर.एफ. केविटी वेल्डिंग सेटअप
पहली लेजर-वेल्डेड सिंगल-सेल 1.3 GHz Nb केविटी

परंपरागत रूप से, एस.सी.आर.एफ. नाइओबियम केविटी के निर्माण इलेक्ट्रॉन बीम वेल्डिंग तकनीक का उपयोग कर किया जाता है| जहां वेल्डिंग का कार्य उच्च वेक्यूम वातावरण में करना होता है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ हमारे द्वारा निर्मित लेजर-वेल्डेड केविटी के उच्च गुणवत्ता कारक पर काफी आश्चर्यचकित हैं, खासकर जब वेल्डिंग एक निष्क्रिय गैस के वातावरण में की गयी थी। लेजर-वेल्डिंग तकनीक के फायदे : बहुत कम लागत, छोटे गर्मी प्रभावित क्षेत्र, वेल्डिंग के लिए वेक्यूम वातावरण की आवश्यकता नहीं और उत्पादन की बढ़ी हुई दर है। यह उम्मीद की जाती है कि, यह विकास एक पूरी तरह से नया रिसर्च का रास्ता खोलेगा, जिसका अनुसरण दुनिया भर में, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा सुपरकंडक्टिंग केविटी का उपयोग करने वाले त्वरक कार्यक्रमों में किया जाएगा।

•भारतीय किसानों के लिए फलों और सब्जियों के परिवहन के लिए एक नई प्रणाली का विकास:

फलों और सब्जियों के लिए एक परिवहन योग्य, स्वचलित प्रणाली, जो उपयुक्त तापमान बनाये रख सके ( खराब हो जाने वाले सामान के लिए बिल्कुल उपयुक्त), का विकास सी.डी.सी.ए.एस. में किया गया है । प्रशीतन लिक्विड नाइट्रोजन द्वारा प्रदान किया जाता है, जो सिस्टम में ही संग्रहीत किया जाता है। यह प्रणाली भारतीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई है। यह स्वचालित सिस्टम मेक इन इंडिया का आदर्श उदहारण है: जो भारत सरकार की पहल “लैब टू लैंड” गाइडलाइन को प्रभावी बनाने का एक आदर्श उदाहरण है। लिक्विड नाइट्रोजन भारत में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध एक कमोडिटी (वस्तु) है। थोक में, यह सस्ता (10-12 रुपये/लीटर) है और 100% पर्यावरण के अनुकूल है। वायु में 78% नाइट्रोजन है। यह ज्ञात है कि, देश में नाइट्रोजन द्रवीकरण क्षमता काफी है पर उसमें से लगभग 50% का उपयोग नहीं हो पाता है|

उत्पाद (शिवाय और शिवाय-वी )

A शीतल वाहन यंत्र (शिवाय), फल सब्जियों के परिवहन के लिए -

लिक्विड नाइट्रोजन आधारित परिवहन योग्य प्रशीतन प्रणाली शीतल वहक यंत्र (शिवाय) - फल सब्जियों और फार्मास्यूटिकल्स उत्पादों के परिवहन के लिए माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता को पूरा करता है । यह परिवहन विशेष रूप से विकसित रेफ्रिजेरेटेड कंटेनर में किया जा सकता है, जिसे किसी भी ट्रक पर लगाया जा सकता है या किसी भी वाहन के चेसिस पर बनाया जा सकता है। लिक्विड नाइट्रोजन का उपयोग करके इसे प्रशीतित किया जाता है। यह तकनीक भारतीय परिस्थितियों के लिए तैयार की गई है| यह तकनीक उबड़-खाबड़ सड़कों के कारण आने वाले उच्च रखरखाव जैसे मुद्दों को हल करती है, जिनका सामना पारंपरिक रेफ्रिजरेटेड ट्रक (रीफर) ऑपरेटरों द्वारा किया जाता है। यह सिस्टम प्रशीतन के लिए डीजल का उपयोग नहीं करता है, अतः 100% पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि यह कोई प्रदूषक गैस या ध्वनि उत्पन्न नहीं करता है और किफायती है।

फायदे
  • खपत किए गए लिक्विड नाइट्रोजन की लागत, प्रयोग किये डीजल की कीमत की तुलना में 20-25% कम है।
  • इस स्वचलित सिस्टम को वाहन या ड्राइवर से किसी इनपुट की आवश्यकता नहीं है। एक ही सिस्टम को ट्रेन या ट्रक जैसे किसी भी कैरियर पर लोड और ट्रांसफर किया जा सकता है। इस प्रकार यह वास्तविक रूप में मल्टी मोडल है।
  • केवल दो डायनामिक पार्ट्स का उपयोग किया जाता है इसलिए रखरखाव न्यूनतम होने की उम्मीद है।
  • कंटेनर किसी भी आकार के बनाए जा सकते हैं।
  • लिक्विड नाइट्रोजन 100% पर्यावरण के अनुकूल है। यह ऑक्सीजन संयंत्रों का उप-उत्पाद है।
  • यह टैंक की क्षमता इतनी है कि, लिक्विड नाइट्रोजन की रिफिलिंग के बिना 1200-1300 किमी या 40 घंटे की यात्रा कर सकते हैं।

अनुप्रयोग
  • फल, सब्जी और मांसाहारी उत्पाद आवश्यकता अनुसार माइनस 40 डिग्री सेंटीग्रेड तक ।
  • फार्मास्यूटिकल्स उत्पाद।


प्रणाली के विनिर्देश

क्र.

विशिष्टता

वर्णन

1

कंटेनर का आकार

20 फीट X 8 फीट X 8 फीट

2

अन्य संभावित आकार

14 फीट X 7 फीट X 7 फीट (अन्य आकार आवश्यकताओं के आधार पर विकसित किए जा सकते हैं)।

3

तापमान रेंज

-40 डिग्री सेल्सियस से + 20 डिग्री सेल्सियस (-40 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान की सीमा को बढ़ाने के लिए परीक्षण जारी हैं)

4

कक्ष में तापमान एकरूपता

± 1.5 डिग्री सेल्सियस

5

तापमान स्थिरता

± 1.5 डिग्री सेल्सियस

6

एलएन2 भंडारण टैंक क्षमता

485 ltrs

7

एलएन2 की एक फिलिंग के साथ रनिंग कैपेसिटी

1200-1300 kms

8

लोडिंग क्षमता

6-7 टन (आइटम के आधार पर)


सिस्टम का स्टैंडअलोन चित्र
शिवाय रोड ट्रायल
शिवाय स्वचलित चित्र
सिस्टम का रोड परिक्षण

B शीतल वाहन यंत्र (शिवाय-वी) फार्मास्युटिकल उत्पादों के परिवहन के लिए

फार्मास्युटिकल उत्पादों (टीके अर्थात वैक्सीन आदि भी) को शून्य से माइनस 70 डिग्री सेल्सियस तक के किसी भी तापमान पर परिवहन के लिए लिक्विड नाइट्रोजन आधारित परिवहन योग्य प्रशीतन प्रणाली- शीतल वाहन यंत्र-वी (शिवाय-वी) को विकसित किया गया है । कंटेनर का कार्गो हैंडलिंग वॉल्यूम 266 क्यूबिक फीट है, जिसमे टीकों के 2 मानक पैलेट रखे जा सकते हैं। इसका परिवहन किसी भी ट्रक पर रखे गए इस रेफ्रिजेरेटेड कंटेनर के साथ किया जा सकता है या इसे किसी भी वाहन के चेसिस पर बनाया जा सकता है। लिक्विड नाइट्रोजन का उपयोग करके इसे प्रशीतित किया जाता है। यह तकनीक भारतीय परिस्थितियों के लिए तैयार की गई है और उबड़-खाबड़ सड़कों पर यात्रा करते समय उच्च रखरखाव जैसे मुद्दों को हल करने में समर्थ है। सिस्टम प्रशीतन के लिए डीजल या सी.एफ़.सी. का उपयोग नहीं करता है और इसलिए 100% पर्यावरण के अनुकूल है। यह कोई प्रदूषक गैस या ध्वनि उत्पन्न नहीं करता है, और किफायती है।

फायदे
  • यह एक अनूठा उत्पाद है जो वैक्सीन भंडारण और परिवहन का दोहरा काम करता है और इस प्रकार की प्रणाली फार्मास्युटिकल कोल्ड चेन में उपलब्ध नहीं है।
  • यह लिक्विड नाइट्रोजन की रिफिलिंग के बिना लगभग 4 दिनों के लिए 2°C से 8°C पर टीकों का भंडारण और परिवहन कर सकता है। (जब वातावरण का तापमान दिन में अधिकतम 37 डिग्री सेल्सियस हो)
  • कंटेनर किसी भी आकार के बनाए जा सकते हैं।
  • परिवहन प्रणाली के दौरान वाहन या चालक से किसी इनपुट की आवश्यकता नहीं होती है। एक ही प्रणाली को किसी भी वाहक जैसे ट्रेन या ट्रक पर लोड और स्थानांतरित किया जा सकता है और इस प्रकार, वास्तव में यह एक मल्टी मोडल सिस्टम है। इसे अस्पताल की इमारत के बाहर भी रखा जा सकता है और स्वचलित होने से यह अपना काम करता रहता है।
  • केवल दो डायनामिक पार्ट्स का उपयोग किया जाता है इसलिए न्यूनतम रखरखाव की आवश्यता है।
  • लिक्विड नाइट्रोजन पर्यावरण के अत्यधिक अनुकूल है। यह ऑक्सीजन संयंत्रों का उप-उत्पाद है और देश में अतिरिक्त क्षमता मौजूद है।

अनुप्रयोग

•शून्य से माइनस 70 डिग्री सेंटीग्रेड तक के टीकों के लिए भंडारण और परिवहन (दोनों) । इस प्रकार इसका उपयोग अब तक मानवजाति पर उपयोग के लिए विकसित किसी भी वैक्सीन के भंडारण और परिवहन के लिए किया जा सकता है ।

प्रणाली के विनिर्देश

क्र.

विशिष्टता

वर्णन

1

कंटेनर का आकार

10 फीट X 8 फीट X 8 फीट

2

तापमान रेंज

+8 डिग्री सेल्सियस से -70 डिग्री सेल्सियस

3

कक्ष में तापमान एकरूपता

± 1.5 डिग्री सेल्सियस

4

तापमान स्थिरता

± 1.5 डिग्री सेल्सियस

5

एलएन2 भंडारण टैंक क्षमता

485 ltrs

6

एलएन2 भंडारण टैंक क्षमता

~ 4 दिन जब कार्गो बनाए रखा जाता है
4°C पर (वातावरण 37°C एक दिन में उच्चतम होता है)

7

लोडिंग क्षमता

266 घन फीट (2 पैलेट के लिए अच्छा)।



वैक्सीन परिवहन के लिए दस फीट रेफ्रिजेरेटेड कंटेनर
वैक्सीन परिवहन के लिए दस फीट का रेफ्रिजेरेटेड कंटेनर

इन दो उत्पादों के विकास के बाद 17 अप्रैल 2021 को इस तकनीक के वाणिज्यिक उत्पादों के विकास के लिए मैसर्स टाटा मोटर्स लिमिटेड के साथ एक उद्भवन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

श्री अनिरुद्ध कुलकर्णी, वाईस प्रेसिडेंट, टाटा मोटर्स लिमिटेड
श्री देबाशीष दास, डायरेक्टर, राराकैट
श्री अनिरुद्ध कुलकर्णी, वाईस प्रेसिडेंट, टाटा मोटर्स लिमिटेड
श्री देबाशीष दास, डायरेक्टर, राराकैट

हॉरिज़ॉन्टल टेस्ट स्टैंड (एच.टी.एस.) क्रायोस्टेट का सफल डिज़ाइन, निर्माण और स्थापना:

सी.डी.सी.ए.एस. में एक हॉरिज़ॉन्टल टेस्ट स्टैंड (एच.टी.एस.) क्रायोस्टेट बनाकर स्थापित किया है, जो कि आगे चलकर काफी उपयोगी साबित होगा। इस प्रणाली का उपयोग, क्रायोजेनिक तापमान पर दो सुपरकंडक्टिंग रेडियो फ्रीक्वेंसी (एस.सी.आर.एफ.) केविटी का, क्रायोमोड्यूल्स के अंदर स्थापित करने से पहले परीक्षण करने लिए किया जाएगा। ऐसा कह सकतें हैं कि, एस.सी.आर.एफ. केविटी एस.सी.आर.एफ. तकनीक पर आधारित लिनिअर एक्सिलरेटर के दिल की तरह है । यह दुनिया की तीसरी ऐसी सुविधा है जो एक ही साईकल में दो सुपरकंडक्टिंग रेडियो फ्रीक्वेंसी केविटी का परीक्षण कर सकती है। इन क्रायोस्टेट्स को भारत में फर्मीलैब, यूएसए की मदद से डिजाइन और निर्मित दो उद्देश्यों के लिए किया गया है। प्राथमिक उद्देश्य, इस तरह के जटिल क्रायोजेनिक उपकरणों के डिजाइन में डी.ए.ई. के इंजीनियरों को समृद्ध डिजाइन अनुभव दिया जाना था। दूसरा उद्देश्य, भारतीय उद्योग को इस तरह की उन्नत प्रणाली को तैयार करने के लिए तकनीकी अनुभव प्रदान करना था (इसके लिए मेसर्स आईनॉक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, वडोदरा को चुना गया)। इनमें से एक क्रायोस्टैट सी.डी.सी.ए.एस. में लगाया जा चुका है और दूसरा फर्मीलैब में लगाया जाएगा। यह डी.ए.ई. की तकनीकी प्रगति और भारतीय उद्योग की छमता का प्रदर्शन करेगा।

एच.टी.एस. क्रायोस्टेट का 3-डी मॉडल
एच.टी.एस. क्रायोस्टेट
एच.टी.एस.क्रायोस्टेट का 3-डी मॉडल
एच.टी.एस.क्रायोस्टेट


टीम

श्री प्रशांत खरे, प्रमुख, क्रायोमॉड्यूल डेवलपमेंट एंड क्रायो-इंजीनियरिंग एप्लीकेशन सेक्शन
श्री एस.के. अवस्थी
श्री सुरेश चंद्र पाटीदार
श्री आशीष कुमार शुक्ला
श्री देवेंद्र सिन्नरकर
श्री गौरव अग्रवाल
श्री लक्ष्मीनारायण ए.
श्री राहुल

श्री रूपुल घोष, प्रमुख, क्रायो-मॉड्यूल इंजी. एप्लीकेशन लैब ।
श्री अमित श्रीवास्तव
श्री अभिषेक जैन
श्री लक्ष्मण सिंह
श्री गयादीन यादव

श्री शैलेश जी. गिलानकर, प्रमुख, क्रायो-मॉड्यूल डिजाइन लैब ।
श्री हेमंत कुमार पटेल
श्री अंकित तिवारी
श्री दिवाकर शर्मा
श्री बबलेश मीणा

श्री दीपक कुमार अरझरे, प्रमुख, क्रायो-मॉड्यूल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लैब।
श्री चिंतन गुप्ता
श्री मनोज कुशवाहा
श्री जगदीश थाटे
श्री पंगोथु प्रभाकर
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:

श्री प्रशांत खरे

प्रमुख, क्रायोमोड्यूल विकास एवं निम्नताप अभियांत्रिकी अनुप्रयोग अनुभाग
फोन:+91-731-2442084
ई-मेल: prashant@rrcat.gov.in
श्री रुपुल घोष

प्रमुख, क्रायोमोड्यूल अभियांत्रिकी अनुप्रयोग प्रयोगशाला
फोन: +91-731-2442072
ई-मेल: rupul@rrcat.gov.in
श्री शैलेश गिलानकर

प्रमुख, क्रायोमोड्यूल अभिकल्पना प्रयोगशाला
फोन: +91-731-2442082
ई-मेल:shailesh@rrcat.gov.in
श्री दीपक अरज़रे

प्रमुख, क्रायोमोड्यूल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास प्रयोगशाला
फोन: +91-731-2442083
ई-मेल:arzare@rrcat.gov.in

विषय प्रबंधक: श्री देवेन्द्र सिन्नरकर
ईमेल: devendra (at) rrcat.gov.in

अंतिम नवीनीकरण: सितम्बर 2022
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