यह अनुभाग त्वरक अभिकल्पन से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों के लिये कार्यरत है। इस अनुभाग के सदस्यों द्वारा भारत मे प्रथम सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत (इन्डस-1 व इन्डस-2) व उनकी ट्रांसफर लाइन्स (TL-1, 2 और 3) का अभिकल्पन किया गया है और उन्हे सफलतापूर्वक कमिशनन (commissioning) किया गया है। यह अनुभाग इन्डस-1 व इन्डस-2 को और बेहतर बनाने की दिशा मे भी कार्यरत है। वर्तमान मे इन्डस-1 व इन्डस-2 24x7 प्रचालन मे है और देश भर से अनुसन्धानकर्ता सिंक्रोट्रॉन विकिरण का उपयोग कर रहे हैं और अनुभाग के सदस्य इस मे भी निरंतर अपना योगदान कर रहे हैं।
इंडस -2 में बीम इमीटेंस को कम करना
किसी भी सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत की गुणवत्ता को उसकी व्रणक्रम दीप्ति (spectral brightness) से निर्धारित किया जाता है जिसे प्राप्त करने के लिए उसकी इमीटेंस का कम होना आवश्यक है| इंडस-2 में इमीटेन्स को कम करने के लिए गहन अध्ययन किया गया और इसकी भंडारण ऊर्जा (2.5 GeV) बीम इमीटेन्स को कम करने के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित की गई जिसमे बीम को 2.5 GeV ऊर्जा पर स्टोर करके फिर इसके quadrupole व sextupole चुम्बकों की शक्ति (strength) को एक सिंक्रोनाइज़्ड तरीके से परिवर्तित किया जाता है (चित्र देखें) ताकि इस दौरान बीम में किसी भी प्रकार की अतिरिक्त हानि न हो| इस प्रक्रिया से क्षैतिज (horizontal) बीम इमीटेन्स को 135 nm.rad से 45 nm.rad तक व ऊर्ध्वाधर (vertical) बीम इमीटेन्स को 0.3 nm.rad से 0.2 nm.rad तक कम करने में सफलता प्राप्त की गई| 45 nm.rad पर इंदस-2 के लैटिस फंक्शन चित्र में दिखाए गायब हैं| घटी हुई इमीटेन्स की X-रे बीम नैदानिकी (diagnostic) बीम लाइन से पुष्टि की गई| 45 nm.rad की इमीटेन्स पर स्थायियत्व के साथ प्रचालन के लिए मशीन की ट्यूनिंग विभिन्न प्रकार के फीडबैक के साथ की गई, जिसमे अनुप्रस्थ (transverse), ऑर्बिट व ट्यून फीडबैक शामिल हैं| इस प्रक्रिया में, दृश्यमान नैदानिक (Visible Diagnostic) बीमलाइन पर मापी गई इलेक्ट्रॉन बीम की बंच लम्बाई भी ~40% तक कम मापी गई| इस कम इमीटेंस पर इंडस-2 4 गुना बढ़ी हुई वर्णक्रमीय दीप्ति प्रदान करेगा। भविष्य में इस प्रक्रिया के साथ, क्षैतिज उत्सर्जन को 22 एनएम-रेड तक कम किया जा सकता है।
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Variation of strengths of quadrupole and sextupole magnets during switch over from nominal operating emittance to reduced emittance |
Lattice functions of low emittance optics having beam emittance of 45 nm-rad |
बीम जीवनकाल
स्टोरेज रिंग में इलेक्ट्रॉन बीम का जीवनकाल मुख्यत: उसमे बीम-गैस इंटरेक्शन (vacuum lifetime) व बंच में इलेक्ट्रॉन -इलेक्ट्रॉन इंटरेक्शन (Touschek lifetime) द्वारा निर्धारित होता है| यह स्टोरेज रिंग में इलेक्ट्रॉन बीम के लिए उपलब्ध Dynamic Aperture पर निर्भर करता है| इंडस-2 में उपलब्ध स्क्रेपर द्वारा क्षैतिज (horizontal) व ऊर्ध्वाधर (vertical) स्थान का मापन किया गया| वायुदाब मापन में रिंग में 100 mA बीम करेंट पर वायुदाब बहुत से स्थानों पर तो 2×10
-9 mbar था किन्तु इंजेक्शन किकर के पास यह अपेक्षाकृत उच्च ~(1×10-8) mbar पाया गया| इसके लिए इंजेक्शन किकर के स्थान पर चेंबर बदलने के बाद 100 mA पर यह वायुदाब पूरी रिंग में ~ 1x10
-9 mbar नापा गया और परिणाम स्वरूप 100 mA, 2.5 GeV पर 40 घंटे से अधिक का जीवन काल नापा गया| इसके बाद, जब दिसम्बर 2018 में मशीन शटडाऊन किया गया इंडस-2 के कुछ निर्वात (vacuum) सेक्टर्स में मामूली वैक्यूम लीक देखे गए| इन्हे तुरंत ठीक करने के बाद वायुदाब 2.5x10
-9 mbar नापा गया और इसके बाद 100 mA पर 70 mA का जीवनकाल नापा गया जो कि एक महत्वपूर्ण सुधार था| चित्र में शटडाऊन के पहले और बाद में समय के साथ बीम करंट का तुलनात्मक अध्ययन दिखाया गया है| बीम जीवनकाल रिंग की momentum acceptance पर भी निर्भर करता है| अध्ययन द्वारा 1825 kV के RF वोल्टेज पर प्राप्त किये गए पर्याप्त momentum acceptance को साथ ही के चित्र में दिखाया गया है| Touschek lifetime व निर्वात जीवनकाल को इन पैरामीटर के साथ कंप्यूटर कोड एलीगेंट द्वारा अध्ययन किया गया और इसे मापे गए जीवनकाल के साथ साम्य में पाया गया|
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Momentum acceptance in Indus-2 |
Beam current decay pattern before and after shutdown |
कम मोमेन्टम कम्पेक्शन फेक्टर के साथ इंडस -2 का प्रचालन
स्टोरेज रिंग में बंच लम्बाई को कम करने के लिए इसके मोमेन्टम कम्पेक्शन फेक्टर को कम किया जाता है| यह छोटे इलेक्ट्रॉन बंच बीमलाइन के उपयोगकर्ताओं के लिए दो अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान करते हैं- पहला, time resolved प्रयोगों के लिए X- रे क्षेत्र में असम्बद्ध (incoherent) सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्पन्द (pulse) और दूसरा THz विकिरण का संबद्ध (coherent) सिंक्रोट्रॉन विकिरण| इंडस -2 स्टोरेज रिंग में बंच लम्बाई छोटी करने के लिए इसका एक परीक्षण प्रचालन किया गया| इसके लिए इंडस-2 का प्रचालन एक परिवर्तित ऑप्टिक्स के साथ किया गया जिसमे इसके दो quadrupole समूहों (families) व sextupole समूहों (families) के ध्रुवण (polarirty) को बदला गया और सामान्य प्रक्रिया से बीम को इंडस-2 में इंजेक्ट किया गया| इस परिवर्तित ऑप्टिक्स के साथ प्रचालन में जब इलेक्ट्रॉन बीम ऊर्जा को बढ़ाने की शुरुआत में बीम करेंट में सामान्य से ज़्यादा हानि देखी गई जिसे कम करने ले लिए इंडस-2 में बीटाट्रॉन ट्यून (betatron tune) समायोजन किया गया| और इसके अंतिम चरण में, कम मोमेन्टम कम्पेक्शन फेक्टर तक जाने के लिए 2.5 GeV पर इसके Q5D quadrupoles व sextupoles के करेंट को परिवर्तित किया गया और इस दौरान बीटाट्रॉन ट्यून को अपरिवर्तित रखने के लिए Q2F and Q3D quadrupoles को उपयोग किया गया जिसके बाद मोमेन्टम कम्पेक्शन फेक्टर 25 गुना तक कम किया गया सिंक्रोट्रॉन आवृत्ति के मापन द्वारा पुष्टि सिंक्रोट्रॉन आवृत्ति के मापन द्वारा की गई और परिणाम स्वरूप बंच लम्बाई 4.8 (50 ps से ~10.4 ps) गुना कम हुई है| मापी गई सिंक्रोट्रॉन आवृत्ति व अनुमानित मोमेन्टम कम्पेक्शन फेक्टर चित्र में दिखाए गए हैं |
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Measured synchrotron frequency vs Q5D current during the transition to low momentum compaction optics |
Momentum compaction factor (derived from synchrotron freq.) vs Q5D strength during transition to low momentum compaction optics |
पिंजर चुंबक (Pinger Magnet)
पिंजर चुंबक स्टोरेज रिंग में बीम कई गतिकी (beam dynamics) की समझने में मदद करता है। यह एक स्पंदित द्विध्रुवीय चुम्बक (pulsed dipole magnet) है जिसके स्पन्द लम्बाई स्टोरेज रिंग के पूर्ण आवर्त काल (revolution time) के तुलनीय (comparable) है| यह बंचेस को अनुप्रस्थ दिशा में किक देकर उसे अपर्चर सीमा तक पहुँचाने में सक्षम है जहाँ पर चुंबकीय क्षेत्रों में अधिक अरैखिकता (strong nonlinearities) होती है| इसके द्वारा उत्तेजित (excited) बीटाट्रॉन दोलनों (betatron oscillations) को टर्न बाई टर्न BPMs से मापा जाता है जिसके विश्लेषण से इंडस-2 में अरैखिक बीएम पैरामीटर्स () जैसे dynamic aperture, frequency map analysis, resonance driving term (RTD) आदि की जानकारी पता की जा सकती है और साथ ही उन्हें आवश्यकता अनुसार अनुकूलित (optimized) किया जा सकता है| हाल ही में इन सब अध्ययनों के लिए इंडस-2 में एक पिंजर चुम्बक की संस्थापना की गई है जिस का विवरण नीचे दिया है –
पीक चुंबकीय क्षेत्र: 650 जी
विक्षेपण (deflection) कोण: 2.0 मृग
प्रभावी चुंबकीय लंबाई: 250 मिमी
चुंबकीय क्षेत्र की एकरूपता (ΔB/B): -3 2×10-3 (मध्य तल में 7 मिमी के भीतर)
चुंबकीय क्षेत्र स्पन्द लम्बाई : 958 ns
पीक चुंबकीय क्षेत्र में विलंब: 20 ns (w.r.t वर्तमान पीक)
पल्स आकार: आधा साइन
औसत Ti कोटिंग मोटाई: 690 एनएम (सिरेमिक कक्ष के अंदर)
उच्च दीप्ति सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत
- स्टोरेज रिंग का प्रथम लैटिस डिजाइन
- प्रथम बूस्टर डिजाइन
- बूस्टर से स्टोरेज रिंग तक परिवहन लाइन
ARPF में 10 MeV लिनैक के लिए 50 keV/700 mA कम इमीटेंस तापायनिक (Thermionic) इलेक्ट्रॉन गन
एक 50 keV ट्रायोड गन पहले डिजाइन की गई थी, इसकी मापी गई बीम इमीटेंस 10 MeV लिनैक-3 त्वरक संरचना में स्वीकृत राशि से ज़्यादा पाई गई| लिनैक संरचना के इनपुट पर कम इमीटेंस प्राप्त करने के उद्देश्य से नई 50 kV /700 mA , तापायनिक, पियर्स, प्लेनर, डायोड इलेक्ट्रॉन गन का भौतिकी डिजाइन किया गया है| इस गन को विकसित एवं परीक्षित करने के बाद लिनैक-3 पर LEBT के साथ एकीकृत किया गया है। इस के कारण लिनैक में त्वरित धारा बढ़ गई है और बीम वितरण प्रणाली के प्रदर्शन में सुधार हुआ है| टेबल-1 में कम उत्सर्जन इलेक्ट्रॉन गन के डिजाइन पैरामीटर दिखाए गए हैं|
Table 1: 10 MeV लिनैक के लिए निम्न इमीटेंस गन डिजाइन विशिष्टताएँ
Parameters |
Type/Values |
गन का प्रकार | तापायनिक, डायोड, दिष्ट धारा स्पंदित (DC-pulsed), Pierce प्लेनर |
ताप देने की पद्धति | अप्रत्यक्ष (Indirect) |
कैथोड | प्लेनर (dispenser) , व्यास= 8 मिलीमीटर |
ऊर्जा | 50 keV |
बीम उत्पन्न करने का तरीका | कैथोड स्पंदन |
ऊर्जा फैलाव | <=0.5 % |
पीक बीम धारा | 700 mA (स्पेस चार्ज मोड) |
इलेक्ट्रान गन के आउटपुट बीम पैरामीटर | बीम त्रिज्या (1 σ) < 2 mm at the entrance of LEBT |
rms emittance < 10 mm-mrad (Unnormalized) prebuncher पर |
सिमुलेशन में, 10 MeV लिनैक के लिए इलेक्ट्रॉन गन के वर्तमान डिस्पेंसर कैथोड असेंबली के आकार और प्रकार को शुरुआती बिंदु के रूप में उपयोग किया गया है। कम्प्यूटर कोड EGUN का उपयोग करके पियर्स कॉन्फ़िगरेशन वाली एक डायोड गन को कैथोड और एनोड के बीच की जगह में थोड़ी सी अभिसारित बीम उत्पन्न करने के लिए अनुकूलित किया गया है| सिमुलेशन में, गण के घटकों के आयामों को दस गुना बढ़ाया गया है और 500 किरणों का उपयोग करके एनोड से 20 mm की दूरी पर 50 keV ऊर्जा पर बीम पैरामीटर सिम्युलेट किये गये हैं| कैथोड के बाद 400 mm तक के ड्रिफ्ट स्पेस में स्पेस चार्ज के बीम इमीटेंस पर प्रभाव को इस विधि से सिमुलेट किया गया है| 600 mA बीम धारा पर बीम पैरामीटर्स चित्र 1(a) और 1(b) में दिखाए गए हैं|
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Figure 1 (a): Growth of un-normalised rms emittance along beam axis at 600 mA | Figure 1 (b): rms beam radius along beam axis at 600 mA |
अनुकूलित ज्यामिति के लिए कैथोड से 150 मिमी तक EGUN कोड से प्राप्त बीम प्रक्षेप पथ चित्र 2 में दिखाया गया है।
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Figure 2. Beam trajectory upto 150 mm from cathode(all dimensions are in mm) |
मापित अभिलाक्षणिक ग्राफ
एक परीक्षण बेंच पर इस गन का परीक्षण किया गया है जो 1 हर्ट्ज की स्पंद पुनरावृत्ति दर से बीम पैरामीटर को मापने में सक्षम है। कैथोड के 1.5A हीटिंग करंट पर, परीक्षण बेंच पर 1 हर्ट्ज की पल्स आवृत्ति से परिचालन करते हुए, 50 kV त्वरित वोल्टेज पर अधिकतम बीम धारा 650 mA मापी गई है। मापी गई बीम धारा (पल्स चौड़ाई = 10 μs) चित्र 3 में दिखाई गई है। दोनों तलों में 650 mA पर मापा गया बीम आकार सिम्युलेटेड आकार की तुलना में 20 % अधिक है। वर्तमान में, परीक्षण बेंच पर pepper pot तकनीक का उपयोग करके इमीटेंस मापन चल रहा है।
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Figure 3: Measured beam current at 50 keV |
गन के मापे गए अभिलाक्षणिक ग्राफ चित्र 4 (a) व (b) में दिखाए गए हैं|
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Figure 4(a): Variation of beam current at different heating current at 50 keV | Figure 4(b): Variation of beam current with accelerating voltage for different heating currents. |
गन की मापी गई pervience EGUN कोड से प्राप्त डेटा के 10% आस पास ही पाई गई है। वर्तमान में, इलेक्ट्रॉन गन को नियमित रूप से linac 3 में 300 Hz की पुनरावृत्ति दर के साथ 50 keV/600 mA बीम करंट पर प्रचालित किया जाता है।