बीम नैदानिकी एवं शीतलक प्रणाली प्रभाग
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बीम नैदानिकी अनुभाग
इण्डस-2 बीम नैदानिकी प्रणालियां
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इण्डस-2 की नैदानिकी प्रणाली निम्नलिखित बीम मॉनीटरन उपकरणों से निर्मित है ।
- बीम स्थिति सूचक
- बीम प्रोफाइल मॉनीटर
- डीसीसीटी
- स्ट्रिपलाइन
- अपघर्षक (स्क्रैपर)
- भित्ति धारा मॉनीटर
- दर्श (साइटिंग) बीमलाइन
- सेप्टम छिद्र मॉनीटर
- इण्डस-2 पर एक्स-रे नैदानिकी बीमलाइन (बीएल-24)
- इण्डस-2 पर दृष्य नैदानिकी बीमलाइन (बीएल-23)
- H-लिनेक के लिए नैदानिकी
- इण्डस-2 की बीम स्थिति सूचकों के अंशांकन के लिए सेटअप
नैदानिक प्रणालियों का सार-संक्षेप तालिका 1 में दिया गया है । इन उपकरणों का विवरण नीचे दिया गया है ।
1) बीम स्थिति सूचक
प्रकार्य
बीम स्थिति सूचक (बीम पोजीशन इंडिकेटर, बीपीआई) का उपयोग त्वरक निर्वात कक्ष में परिसंचारी इलेक्ट्रॉन बीम के आवेश केंद्र की स्थिति को मापने के लिए किया जाता है । इण्डस -2 में इलेक्ट्रॉन बीम की स्थिति के मापन के लिए 56 स्थानों (40 नं. एकल प्रकार के बीपीआई + 16 नं. द्विध्रुवी निर्वात कक्ष से समेकित) पर चार बटन वाले इलेक्ट्रोड प्रकार के बीम स्थिति सूचकों का उपयोग किया जा रहा है । चूंकि यह एक अनअवरोधी प्रकार का उपकरण है, यह बीम की स्थिति को इसे बाधित किए बिना ही माप सकता है । रिंग में 56 बीपीआई हैं, प्रत्येक सेल में 7 हैं । इनमें से 40 बीपीआई एकल प्रकार के हैं और 16 समेकित प्रकार के हैं । प्रत्येक द्विध्रुवी कक्ष में एक समेकित प्रकार का बीपीआई अंतर्निहित होता है । इन बीम स्थिति सूचकों का उपयोग कर, साम्यावस्था बीम कक्षा व संवृत कक्षा विकृति (सीओडी) की स्थिति ज्ञात की जाती है । इस डेटा का उपयोग नियंत्रण प्रणाली द्वारा सीओडी को संशोधित करने के लिए किया जाता है ।
प्रचालन का सिद्धांत
यह उपकरण चार बटन के आकार के इलेक्ट्रोड से बना होता है जो त्वरक निर्वात कक्ष के अनुप्रस्थ परिच्छेद (क्रॉस सेक्शन) में सममित रूप से लगे होते हैं । इलेक्ट्रोड कनेक्शन को सहअक्षीय कनेक्टर के माध्यम से निर्वात फीड के द्वारा निर्वात कक्ष से बाहर लाया जाता है । इलेक्ट्रॉन बीम में इससे जुड़ा हुआ विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र होता है । जब इलेक्ट्रॉन गुच्छ बीपीआई से होकर गुजरता है तब बीम विद्युत क्षेत्र इलेक्ट्रोड पर आवेश उत्पन्न करता है । इलेक्ट्रोड पर प्रेरित सिग्नल को गुच्छ लंबाई और इलेक्ट्रोड धारिता (C) व बाह्य परिपथ प्रतिरोध (R) के गुणन के आधार पर वोल्टेज या विद्युत धारा स्रोत के रूप में प्रतिरूपित किया जा सकता है । किसी इलेक्ट्रोड पर प्रेरित सिग्नल उस इलेक्ट्रोड से बीम की निकटता पर निर्भर करता है । इस उपकरण के ज्यामितीय केंद्र के सापेक्ष बीम की स्थिति चार इलेक्ट्रोड सिग्नल ज्ञात कर और उपयुक्त स्थिति ऐल्गोरिथ्म का उपयोग कर प्राप्त की जा सकती है । ऐल्गोरिथ्म ("विद्युत निर्देशांक") और वास्तविक निर्देशांक ("यांत्रिक निर्देशांक") के माध्यम से प्राप्त बीम निर्देशांक के बीच का संबंध, सामान्य रूप से, अरैखिक है। यह अरैखिकता निर्वात कक्ष ज्यामिति व इलेक्ट्रोड्स अवस्थापन पर निर्भर करती है । यह संबंध बीपीआई को एक परीक्षण बेंच पर अंशांकित कर प्राप्त किया जाता है, जिसमें आरएफ स्रोत द्वारा उत्तेजित एंटीना का उपयोग बीम का अनुरूपण (सिमुलेट) करने में किया जाता है । यह अंशांकन बीपीआई को त्वरक में लगाने से पहले किया जाता है ।
संरचना विवरण
(1) एकल प्रकार बीम स्थिति सूचक (मात्रा: 40 नं.)
इण्डस-2 के लिए ये एकल प्रकार के बीम स्थिति सूचक स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं । इस मॉनीटर की कुल लंबाई दोनों ओर की 22.3 मिमी मोटाई (बाहरी व्यास 203 मिमी) वाली घूर्णी फ्लैंज सहित 100 मिमी है । प्रत्येक बीपीआई में चार बटन इलेक्ट्रोड असेम्बलियां होती हैं । बीपीआई लगाने के लिए एक धारण व आलम्बन (होल्डिंग व सपोर्टिंग) युक्ति का उपयोग किया जाता है । यह युक्ति बीपीआई के संरेखण के दौरान आवश्यक संचलन प्रदान करती है । एक बार संरेखण पूरा हो जाने के बाद, यह युक्ति इण्डस-2 के प्रचालन के दौरान बीपीआई को संरेखित स्थिति में रखती है ।
मौजूदा बीम स्थिति सूचक (बीपीआई) लगभग 13 साल पहले इण्डस-2 सिंक्रोट्रॉन विकिरण स्रोत में लगाए गए थे और ये तब से ही प्रचालनरत हैं । मौजूदा स्थापित बीपीआई के कार्य-निष्पादन में सुधार के संबंध में वर्तमान अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, इन्हें चरणबद्ध तरीके से उन्नत डिजाइन लक्षणों वाले उन्नत बीम स्थिति सूचकों (यूपीबीपीआई) से बदला जा रहा है । 21 स्थानों पर एकल प्रकार के बीपीआई को यूपीबीपीआई से बदल दिया गया है । शेष स्थानों के लिए, यूपीबीपीआई का विकास उन्नत चरण में है ।
यूपीबीपीआई में बेहतर डिजाइन लक्षण हैं जैसे उच्च आवृत्ति संगत 50 Ω प्रतिबाधा एसएमए पारभरण (फीडथ्रू), Nd: YAG लेजर वेल्डित इलेक्ट्रोड असेम्बली, अंतरण प्रतिबाधा ~ 0.56 Ω @ 505.8 मेगाहर्ट्ज और दोनों अनुप्रस्थ सतहों में सुग्राहिता ~ 0.06 प्रति मिमी । इसका बटन व्यास Ø11.8 मिमी है । लगाने से पहले, प्रत्येक यूपीबीपीआई का हीलियम रिसाव परीक्षण तत्पश्चात यूएचवी कार्य-निष्पादन परीक्षण (~ 4x10E-10 मिली बार चरम दाब हासिल हुआ) और सहअक्षीय तार विधि का उपयोग कर अंशांकित किया गया है । डिजिटल प्रोसेसिंग इलेक्ट्रॉनिक्स युक्त इन यूपीबीपीआई का उपयोग दिसंबर 2014 से इण्डस-2 रिंग के निरंतर प्रचालन के दौरान बीम की स्थिति की निगरानी के लिए पुराने बीपीआई की अपेक्षा बेहतर विभेदन के साथ किया जा रहा है, अतः बीम की संवृत कक्षा विकृतियां न्यूनतम हो जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप बीमलाइन उपयोगकर्ताओं को अधिक स्थिर फोटॉन बीम प्राप्त होती है । इण्डस-2 के उन्नत बीम स्थिति सूचक समर्पित धारण व आलम्बन (होल्डिंग व सपोर्टिंग) युक्तियों पर लगाए गए हैं ।
चित्र 1: बटन पृथकन के फलन के रूप में क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर सुग्राहिता । 10 मिमी गुच्छ लंबाई के लिए गुच्छ (मिमी) के बाद दूरी के फलन के रूप में वेकफील्ड (वोल्ट/पीसी)
चित्र 2: प्रयोगशाला अर्हत करने के दौरान उन्नत बीपीआई
चित्र 3: यूएचवी अर्हत करने के दौरान उन्नत बीपीआई का बैच
चित्र 4: समर्पित धारण व आलम्बन युक्ति पर स्थापित इण्डस-2 का उन्नयित बीम स्थिति सूचक (ऊपरी आधा μr ≤1.080 के साथ एसएस निर्मित, निचला आधा भाग जमीन कंपन को कम करने के लिए रेत से भरा है)
चित्र 5 : इण्डस-2 समेकित बीपीआई यूपीबीपीआई का समेकित प्रकार का बीपीआई
द्विध्रुवी कक्ष के साथ समेकित बीपीआई उपलब्ध कराने के लिए, इण्डस-2 रिंग के द्विध्रुवी निर्वात कक्ष की मशीनिंग के दौरान 4 छिद्र (ऊपरी आधे में 2 व निचले आधे में 2) किए जाते हैं । इलेक्ट्रोड असेम्बलियों को द्विध्रुवी कक्ष के ऊपरी आधे हिस्से में दिए गए 2 छिद्रों में सीधे डाला जाता है । द्विध्रुवी निर्वात कक्ष के निचले आधे हिस्से में 2 स्लीव वेल्ड की जाती है एवं इन वेल्डित स्लीव में इलेक्ट्रोड असेम्बलियों को डाला जाता है । द्विध्रुवी एल्यूमीनियम मिश्र धातु का बना होता है । इलेक्ट्रोड असेम्बली के पदार्थ में Macor® डिस्क और एसएस भाग शामिल हैं । चित्र-2 इण्डस-2 रिंग के द्विध्रुवी निर्वात कक्ष में समेकित प्रकार का बीपीआई दर्शाता है ।
(2) प्रक्रमण (प्रोसेसिंग) इलेक्ट्रॉनिक्स :
इलेक्ट्रोड पर प्रेरित सिग्नल में गुच्छ परिक्रमण आवृत्ति की गुणावृत्ति (हार्मोनिक्स) होती हैं । चूंकि सिग्नल में उच्च आवृत्तियां होती हैं, अतः एडीसी द्वारा इसे अधिग्रहित करने से पहले सिग्नल प्रोसेसिंग आवश्यक है । इण्डस-2 में संकीर्ण बैंड प्रोसेसिंग स्कीम का उपयोग किया जाता है । प्रक्रमण इलेक्ट्रॉनिक्स बहुविधि समस्वरित अभिग्राही (मल्टीप्लेक्स्ड ट्यून्ड रिसीवर) के सिद्धांत पर आधारित है । इन इलेक्ट्रोड सिग्नलों को एक बहु-सहअक्षीय आरजी 223/यू केबल के माध्यम से उपस्कर गैलरी में रखे इलेक्ट्रॉनिक्स रैक में ले जाया जाता है । उपस्कर गैलरी पर सममित रूप से वितरित आठ इलेक्ट्रॉनिक्स रैक हैं । प्रक्रमण इलेक्ट्रॉनिक्स का आउटपुट 4-चैनल, 16 बिट एडीसी कार्ड द्वारा अधिग्रहित किया जाता है व अधिग्रहित डेटा को नियंत्रण कक्ष में अंतरित कर दिया जाता है, जहां स्थिति एल्गोरिथ्म का उपयोग कर बीम स्थिति की गणना की जाती है ।
(3) इण्डस-2 रिंग के एपल-2 तरंगक निर्वात कक्ष के लिए अति उच्च अनुकूल बीम स्थिति सूचक असेम्बली
इण्डस-2 रिंग के एपल-2 तरंगक निर्वात कक्ष के लिए अति उच्च अनुकूल (यूएचसी) बीम स्थिति सूचक असेम्बलियों का डिजाइन, विकास और स्थापित करने का कार्य पूरा कर लिया गया है । यह असेम्बली एक अल्प अंतराल प्रकार का नैदानिक उपकरण है जिसका उपयोग इण्डस-2 के लिए एपल-2 तरंगक निर्वात कक्ष के ऊर्ध्वप्रवाह व अनुप्रवाह (अपस्ट्रीम व डाउनस्ट्रीम) सिरों पर इलेक्ट्रॉन बीम की स्थिति मॉनीटर करने के लिए किया जाता है ।
विवरण
इण्डस-2 रिंग के लिए एपल-2 तरंगक निर्वात कक्ष के लिए यूएचवी अनुकूल बीम स्थिति सूचक असेम्बलियों को डिजाइन, एवं विकसित किया गया और इन्हें निर्वात कक्ष के ऊर्ध्वप्रवाह व अनुप्रवाह सिरों पर लगाया गया है । इसका उपयोग चार धारिता संवेदी प्रकार के बटन इलेक्ट्रोड्स का उपयोग कर इलेक्ट्रॉन बीम की संस्थापित स्थानों पर स्थिति मॉनीटर करने के लिए किया जाता है । इस अल्पअंतराल प्रकार के बीम स्थिति सूचक की महत्वपूर्ण अपेक्षाओं जैसे व्यापक बैंडविड्थ पर एक अनुनाद मुक्त संरचना, अंततरण प्रतिबाधा ~ 0.7Ω @ 505.8 मेगाहर्ट्ज (लक्षित मान > 0.5Ω) और दोनों अनुप्रस्थ सतहों में सुग्राहिता ~ 0.125 प्रति मिमी (लक्षित मान > 0.1 प्रति मिमी) को प्राप्त करने के उद्देश्य से सीएसटी स्टूडियो सूट सिमुलेशन टूल का उपयोग भौतिकी डिजाइन के लिए किया गया था । इस यूएचवी अनुकूल असेम्बली में 17 मिमी (V) x 81 मिमी (H) छिद्र के साथ आंतरिक रेस ट्रैक प्रोफ़ाइल है जो एपल-2 तरंगक के निर्वात कक्ष के समान है । इसमें चार नाग इलेक्ट्रोड सब-असेम्बलियां शामिल हैं जो इसकी बॉडी पर टंगस्टन अक्रिय गैस (टीआईजी) वेल्डिंग विधि द्वारा सीधे वेल्ड की गई हैं । बटन इलेक्ट्रोड का व्यास 9 मिमी है । बटन इलेक्ट्रोड्स के बीच क्षैतिज अलगाव 12 मिमी है । भू-संपर्कित (ग्राउंडेड) बॉडी से बटन इलेक्ट्रोड को इंसुलेट करने के लिए एक मशीननीय परावैद्युत अंतरक (डाइइलेक्ट्रिक स्पेसर) (Macor®) का उपयोग किया जाता है । एसएमए पारभरण (फीडथ्रू) के केंद्रीय चालक में बटन इलेक्ट्रोड को जोड़ने के लिए लेजर वेल्डिंग हेतु स्वसंस्थाने विकसित 250 वॉट औसत पावर फाइबर-युग्मित स्पंदित Nd: YAG लेजर का उपयोग किया गया । आरएफ-परिरक्षित हाइड्रोफॉर्म्ड बैलो सब-असेम्बली को दोनों सिरों पर जोड़ा गया जो यांत्रिक युग्मन को कम करता है और उच्च आवृत्तियों पर विद्युत धारावाहिकता सुनिश्चित करता है । एपल-2 तरंगक के लिए यूएचवी अनुकूल बीम स्थिति सूचक असेम्बली की कुल लंबाई 250 मिमी है।
आंतरिक दीवार के संबंध में बटन इलेक्ट्रोड की फ्लशिंग सटीकता 50 µm से बेहतर है । बैलो अन्त्य प्लेट की यूएचवी अनुकूल पूर्ण अंतर्वेशन टीआईजी वेल्डिंग के लिए दोनों सिरों पर 1.5 मिमी मोटे वेल्डयोग्य ऑबराउंड आकार के लिप डिज़ाइन किए गए । इसके अतिरिक्त, टीआईजी वेल्डिंग द्वारा एसएमए के 0.4 मिमी मोटे लिप के साथ धार जोड़ वेल्डिंग के लिए 0.6 मिमी मोटे गोलाकार लिप भी डिजाइन किए गए । संपूर्ण असेम्बली को ~9x10E-10 मिली बार के परम निर्वात तक निर्वात विशिष्ट किया गया । इसका अंशांकन किया गया और सहअक्षीय तार विधि का उपयोग कर सुग्राहिता मापी गई । इस मापी गई सुग्राहिता का मान सैद्धांतिक रूप से डिज़ाइन किए गए मान से बहुत मिलता हुआ पाया गया ।
परिवेश के तापमान में किसी भी परिवर्तन के कारण यांत्रिक केंद्र में परिवर्तन को न्यूनतम ~ 2μm/°C (लक्षित मान < 5μm/°C) करने के लिए अल्प तापीय प्रसार पदार्थ, 36% Ni-Fe मिश्र धातु और कार्बन सम्मिश्र का उपयोग कर एक धारण व आलम्बन (होल्डिंग व सपोर्टिंग) युक्ति भी डिजाइन, विकसित और स्थापित की गई ।
चित्र 6 : आवृत्ति के फलन के रूप में अंतरण प्रतिबाधा : चित्र 7 : आवृत्ति के फलन के रूप में सुग्राहिता
चित्र 8: एपल-2 तरंगक की बीम स्थिति सूचक असेम्बली : चित्र 9: एपल-2 तरंगक की बीम स्थिति सूचक असेम्बली
2) बीम प्रोफाइल मॉनीटर
बीम प्रोफाइल मॉनीटर (बीपीएम) एक विनाशक प्रकार का नैदानिक उपकरण है जिसका उपयोग उच्च-ऊर्जा इलेक्ट्रॉन बीम के साथ किया जाता है । इस प्रकार का मॉनीटर इलेक्ट्रॉन बीम तीव्रता प्रोफाइल की जानकारी को दृश्य प्रकाश तीव्रता प्रोफाइल में परिवर्तित करता है । बीपीएम का उपयोग बीम के आकार और स्थिति के दृश्य अवलोकन के लिए किया जाता है । इस जानकारी का उपयोग चुंबक धाराओं को सेट करने के लिए किया जाता है ताकि बीम को सही दिशा में चलाया जा सके और बीम को अंतरण लाइन के माध्यम से बेहतर तरीके से पहुंचाया जा सके। यह कमीशनन परीक्षण के दौरान बीम के पहले मोड़ को भंडारण रिंग में बंद करने में भी मदद करता है । त्वरक के प्रचालन के दौरान बीपीएम का उपयोग नहीं किया जाता है ।
चित्र 10 : इण्डस-2 का बीम प्रोफाइल मॉनीटर
प्रचालन का सिद्धांत
बीम प्रोफाइल मॉनीटर मूलतः बीम अक्ष से 45 डिग्री पर रखा हुआ एक प्रतिदीप्ति स्क्रीन है । स्क्रीन को बीम में डाला जाता है और टीवी कैमरा या सीसीडी प्रस्फुरण से उत्पन्न दृश्य फोटॉन को देखता है । बीम के प्रोफाइल के गुणात्मक विश्लेषण के लिए जटिल इलेक्ट्रॉनिक पश्च प्रक्रमण की आवश्यकता नहीं होती है, प्रोफाइल को सीधे वीडियो मॉनीटर पर देखा जा सकता है । मात्रात्मक प्रोफ़ाइल व तीव्रता के लिए इसे थोड़ा जटिल इलेक्ट्रॉनिक पश्च प्रक्रमण की आवश्यकता होती है जो अन्य नैदानिक उपकरणों की तुलना में अपेक्षाकृत कम जटिल होता है ।
संरचना विवरण
Cr डोपित Al2O3 का उपयोग प्रतिदीप्ति स्क्रीन के रूप में किया जाता है, जो एक पाइप में टिका होता है जो स्क्रीन को निर्वात से अलग रखता है । दूसरी ओर, स्क्रीन निर्वात से बाहर है, जो निर्वात को प्रभावित किए बिना स्क्रीन के आसान अनुरक्षण को सुगम बनाता है । चूंकि स्क्रीन की मध्यवर्ती स्थिति के बजाय केवल अन्त्य स्थिति संवेदनशील है, इसलिए बीम में स्क्रीन को इसके सहारे वातीय प्रवर्तक (न्यूमेटिक एक्ट्यूएटर) द्वारा डाला जाता है । वातीय प्रवर्तक अन्त्य कुशनिंग के साथ उभयक्रिय (डबल एक्टिंग) पिस्टन सिलेंडर व्यवस्था है । वातीय प्रवर्तक के वाल्व सॉलेनायड कॉइल द्वारा संचालित होते हैं । स्क्रीन की स्थिति के बारे में जानकारी रखने के लिए सीमा स्विच का उपयोग किया जाता है । प्रतिदीप्ति स्क्रीन और इसके सपोर्ट को छोर-वेल्डित बैलो में रखा जाता है । छोर-वेल्डित बैलो निर्वात संरोधन (कंटेनमेंट) में आगे-पीछे की गति को समायोजित करता है । दूसरी ओर छोर-वेल्डित बैलो का उपयोग रैखिक गति को निर्वात परिसीमा के पार संसारित करने के लिए किया जाता है ।
बीपीएम के बैलो और बॉडी के साथ प्रतिदीप्ति स्क्रीन की सपोर्ट असेम्बली एक निर्वात घेरा बनाती है । बीपीएम बॉडी एसएस 316एल की बनी है क्योंकि इसके अपेक्षाकृत अच्छे निर्वात गुण जैसे कम वाष्प दबाव, कम बहिर्गैसन दर, कम गैस पारगम्यता, और योग्य यांत्रिक गुण जैसे उच्च चरम व पराभव सामर्थ्य, अच्छा संक्षारण प्रतिरोध होते हैं । यह ऊच्च तापमान पर पर्याप्त उच्च सामर्थ्य दर्शाता है । और उच्च गलनांक उच्च तापमान पर इसे निर्वात अनुकूलन योग्य बनाता है । चूंकि 10-10 टॉर कोटि का निर्वात बनाए रखा जाना है, अति उच्च निर्वात सुसंगत सीलिंग के लिए सीएफ़ 63 फ्लैंजेस का उपयोग किया जाता है । चित्र-3 टीएल-3 बीपीएम असेम्बली की ड्राइंग दिखाता है ।
बीपीएम इलेक्ट्रॉनिक्स
चूंकि टीएल-3 और भंडारण रिंग में बड़ी संख्या बीपीएम लगाए गए हैं, अतः सीसीडी कैमरों से प्राप्त वीडियो सिग्नल्स को मल्टीप्लेक्स करने की आवश्यकता है । एक वीएमई आधारित 8 टु 1 वीडियो मल्टीप्लेक्सर कार्ड विकसित किया गया है । ऐसे तीन कार्ड इस प्रणाली में उपयोग किए जाते हैं, जो वीएमई ईआईयू रैक में रखे जाते हैं । इस सीसीडी कैमरा आउटपुट को आरजी59 बी/यू वीडियो केबल के माध्यम से मल्टीप्लेक्सर्स तक पंहुचाया जाता है । मल्टीप्लेक्सर आउटपुट को नियंत्रण कक्ष में ले जाया जाता है जहां बीम प्रोफाइल वीडियो मॉनिटर पर दिखाई देता है । बीपीएम के विभिन्न घटकों के लिए उच्च-स्तरीय नियंत्रण आदेशों को सक्रियन सिग्नल्स में परिवर्तित करने के लिए प्रत्येक बीपीएम के समीप बीपीएम इंटरफ़ेस इकाइयों का उपयोग किया जाता है ।
प्रचालन
बीम प्रोफाइल मॉनीटर को नियंत्रण कक्ष से दूर से प्रचालित किया जाता है । उपयोगकर्ता की आवश्यकता के आधार पर, नियंत्रण प्रणाली को कमांड देकर किसी भी बीपीएम को सक्रिय किया जा सकता है। बीपीएम की स्थिति भी नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध होती है। जब स्क्रीन डाला जाता है, तो बीम उस स्थान पर आंशिक रूप से रुक जाती है । उस स्थान पर बीम स्पॉट नियंत्रण कक्ष में वीडियो मॉनीटर पर दिखाई देता है ।
3) डीसीसीटी
कार्य
डीसीसीटी का उपयोग भंडारण रिंग में प्रवाहित हो रही संग्रहित (औसत) बीम धारा को मापने के लिए किया जाता है । बीम का जीवनकाल संग्रहित धारा के क्षय को समय के साथ ग्राफ बनाकर कर ज्ञात किया जाता है । इण्डस-2 में प्रयुक्त डीसीसीटी में ± 100 mA और ± 1 A के दो माप परास (रेंज) होती हैं। यह निर्वात कक्ष पर लगे हुए एक टोरॉइडल कोर से बना होता है। कोर से गुजरने वाली निर्वात कक्ष की दीवार में डीसी और कम आवृत्ति धाराओं के प्रवाह को रोकने के लिए निर्वात कक्ष में एक विद्युतरोधी अंतराल दिया गया है ।
चित्र 11 : इण्डस-2 के लिए डीसीसीटी
उच्च आवृत्ति धाराओं के लिए अल्प प्रतिबाधा पथ देने के लिए विद्युतरोधी अंतराल को संधारित्र से बाईपास कर दिया जाता है । यह कोर को बीम के उच्च आवृत्ति ईएम क्षेत्र के संपर्क में आने से रोकता है और इसके परिणामस्वरूप कोर गरम हो जाता है । अग्र-भाग इलेक्ट्रॉनिक्स को कोर के पास रखा गया है और पश्च-भाग चेसिस को उपकरण गैलरी पर इंस्ट्रूमेंटेशन रैक में रखा गया है ।
डीसीसीटी निर्वात कक्ष विवरण
डीसीसीटी टोरॉइड स्टेनलेस स्टील के निर्वात कक्ष के बाहर की ओर लगा होता है । निर्वात कक्ष के आसपास विद्युत चालकता को बाधित करने के लिए, कक्ष में एक सिरेमिक खंड ब्रेज़ किया जाता है । निर्वात कक्ष बेकिंग के दौरान सेंसर को 700°C से अधिक गर्म हो जाने से बचाने के लिए, इसे जल शीतित तांबे के सिलेंडर के ऊपर लगाया जाता है । सेंसर को प्रबल चुंबकीय क्षेत्र से बचाने के लिए, दो परत वाली चुंबकीय कवच लगाया गया है । बाहरी कवच में 1.5 मिमी मोटा अल्प-कार्बन स्टील होता है, जिसका उच्च संतृप्ति क्षेत्र होता है । आंतरिक कवच 0.8 मिमी मोटी एमयू-धातु से बना है, जिसमें उच्च चुंबकीय पारगम्यता होती है । उच्च परिरक्षण गुणांक होने के लिए बाहरी कवच, आंतरिक कवच से अधिक लंबी होती है। दीवार धारा को बाईपास करने के लिए सेंसर के चारों ओर एक तांबे का कवच लगाया गया है ।
4) स्ट्रिपलाइन
स्ट्रिपलाइन एक अविनाशी प्रकार का उपकरण है । इसका उपयोग इण्डस-2 में बीटाट्रॉन ट्यून मापन प्रणाली में किया जाता है । इसका उपयोग बीम को उत्तेजित करने (किक करने) और स्थिति सिग्नल प्राप्त करने के लिए किया जाता है । बीटाट्रॉन ट्यून का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है । अपनी साम्यावस्था कक्षा से अनुप्रस्थ रूप से विस्थापित होता हुआ कोई कण कक्षा के चारों ओर बीटाट्रॉन दोलन करता है । मशीन के चारों ओर एक पूरे चक्कर में दोलन अवधियों की संख्या को बीटाट्रॉन ट्यून (क्यू) कहा जाता है । क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर सतहों (Qx व Qz) में ट्यून्स का मापन और उनकी कुछ निश्चित बीम व मशीन प्राचलों (पैरामीटरों ) पर निर्भरता का ज्ञान भंडारण रिंग की समझ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । ट्यून मापन के कुछ अनुप्रयोग इस प्रकार हैं । बीम ऊर्जा के फलन के रूप में ट्यून्स मापन से वार्णिकता मिलती है । उत्तेजना के विभिन्न आयामों के लिए ट्यून्स का मापन मशीन में अरैखिकता के बारे में जानकारी मिलती है । बीम को क्षैतिज रूप से उत्तेजित करने और ऊर्ध्वाधर सतह में दोलन आयाम का प्रेक्षण करने से युग्मन का माप मिलता है । बंच धारा पर ट्यून की निर्भरता को मापकर अनुप्रस्थ दीवार प्रतिबाधा के प्रतिक्रियाशील भाग के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है । अतः भंडारण रिंग्स के प्रचालन में ट्यून मापन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । स्ट्रिपलाइन का उपयोग बीम स्थिति सूचक के रूप में भी किया जाता है । इसकी सुग्राहिता बटन इलेक्ट्रोड बीम स्थिति सूचक की अपेक्षा बेहतर होती है । स्ट्रिपलाइन का उपयोग बीम अस्थिरताओं को ठीक करने और बीम सिग्नल प्रेक्षण के लिए भी किया जाता है ।
चित्र 12 : स्ट्रिपलाइन
प्रचालन का सिद्धांत
स्ट्रिपलाइन में बीम के अक्षों के साथ-साथ चलने वाली चार पट्टियां (चालक) होती हैं, जो निर्वात कक्ष की दीवार के समानांतर, बीम वाहिनी के अनुप्रस्थ परिच्छेद में सममितिक रूप से रखी होती हैं । पट्टी की लंबाई आमतौर पर अभिलाक्षणिक गुच्छ लंबाई से अधिक होती है । पट्टी निर्वात कक्ष की दीवार के साथ एक संचरण लाइन संरचना बनाती है । बीम का विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र स्ट्रिपलाइन पर सिग्नल उत्पन्न करता है। पट्टी (चालक) में प्रेरित सिग्नल का आयाम बीम पर इसके ठोस कोण और बीम से चालक की दूरी पर निर्भर करता है । पट्टी की चौड़ाई और निर्वात कक्ष की दीवार से इसकी दूरी इस प्रकार तय की जाती है कि इसकी विशिष्ट प्रतिबाधा सहअक्षीय संचरण लाइन के प्रतिबाधा से मेल खाना चाहिए, जो सामान्यतः 50O±2% है । अधिकतम सुग्राहिता प्राप्त करने के लिए स्ट्रिपलाइन की लंबाई का चयन, मूलभूत आरएफ आवृत्ति के चौथाई तरंग दैर्ध्य के बराबर किया जाता है । स्ट्रिपलाइन के दो सिरों को निर्वात फीड का उपयोग कर संयोजकों के द्वारा कक्ष से बाहर लाया जाता है । बीम दिशा के संदर्भ में इन्हें क्रमशः ऊर्ध्वप्रवाह व ऊर्ध्वप्रवाह व अनुप्रवाह (अपस्ट्रीम व डाउनस्ट्रीम) पोर्ट कहा जाता है । स्ट्रिपलाइन से सिग्नल प्राप्त करने के लिए, अनुप्रवाह (डाउनस्ट्रीम) पोर्ट को अभिलाक्षणिक प्रतिबाधा में टर्मिनेट कर दिया जाता है और ऊर्ध्वप्रवाह (अपस्ट्रीम) पोर्ट से सिग्नल लिया जाता है । इसे किकर के रूप में उपयोग करने के लिए आरएफ पावर को, एक दूसरे के सामने स्थित स्ट्रिपलाइन-युग्म के अनुप्रवाह पोर्ट में विपरीत फेज में फीड किया जाता है । स्ट्रिपलाइन द्वारा उत्पन्न विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉन गुच्छ पर कार्यरत लोरेंज बल बीम को अनुप्रस्थ आघात देता है और बीम दोलन करना शुरू कर देती है । दोलन आवृत्ति का विश्लेषण स्पेक्ट्रम विश्लेषक द्वारा किया जाता है और ट्यून मान प्राप्त किया जाता है ।
संरचना विवरण
पट्टियां, उच्च विद्युत चालकता वाले ओएफ़एचसी तांबे से बनी हैं । पट्टियों को सहारा देने वाला संरोधन एसएस 316एल से बना है और जटिल अनुप्रस्थ परिच्छेद की आसान मशीनिंग को सुगम बनाने के लिए इसे दो अर्द्ध भागों में बनाया गया है । निर्वात संरोधन की डिज़ाइन इस प्रकार की है कि यह तांबे की पट्टियों को बीम वाहिनी के अनुप्रस्थ परिच्छेद में न्यूनतम आसंतत्य के साथ समायोजित करता है, जो कि बीम युग्मन प्रतिबाधा को न्यूनतम करने के लिए आवश्यक है । प्रभावी रूप से 142 मिमी लंबी, 13.5 मिमी चौड़ाई और 1 मिमी मोटी तांबे की पट्टियां दोनों सिरों पर बीएनसी पारभरण (फीड-थ्रू) से जुड़ी हुई हैं । निर्वात अनुकूल जोड़ बनाने के लिए बीएनसी संयोजकों को सीएफ 34 फ्लैन्ज से वेल्ड किया जाता है । निर्वात अनुकूल मशीनिंग-योग्य सिरेमिक (एमएसीओआर) का उपयोग, तांबे की पट्टियों और स्ट्रिपलाइन की बॉडी के बीच विद्युत-रोधी सामग्री के रूप में किया जाता है । चूंकि स्ट्रिपलाइन भंडारण रिंग का हिस्सा है, यह अति उच्च निर्वात अनुकूल है । अति उच्च निर्वात अनुकूल सील प्राप्त करने के लिए डायमंड सील गास्केट और डीएस फ्लैन्ज का उपयोग किया जाता है ।
ट्यून मापन प्रणाली
ट्यून मापन प्रणाली को नियंत्रण प्रणाली द्वारा नियंत्रित किया जाएगा । यह निरंतर हार्मोनिक उत्तेजन विधि पर आधारित है । मापन प्रणाली एक ट्रैकिंग जनरेटर से लैस एक स्पेक्ट्रम विश्लेषक का उपयोग करती है । स्पेक्ट्रम विश्लेषक को जीपीआईबी बस के माध्यम से एक पीसी द्वारा नियंत्रित किया जाता है । बीम को उत्तेजित करने के लिए स्ट्रिपलाइन किकर का उपयोग किया जाता है । ट्रैकिंग जनरेटर आरएफ़ आउटपुट को दूर से नियंत्रित x/z चयनक को दिया जाता है, जिसमें आरएफ़ स्विच लगे होते हैं । प्रयोक्ता चयन के आधार पर, या तो क्षैतिज या ऊर्ध्वाधर ट्यून मापन फलन का चयन किया जाता है । फिर आरएफ सिग्नल को हाइब्रिड जंक्शन के नेटवर्क और 180 डिग्री द्विगामी ऊर्जा विभाजक में चार आउटपुट सिग्नल बनाने के लिए भेजा जाता है । इन सिग्नल्स का फेज संबंध इस प्रकार है कि जब स्ट्रिपलाइन पर डाला जाता है, तो बीम को वांछित सतह (क्षैतिज या ऊर्ध्वाधर) में किक मिलती है । स्ट्रिपलाइन किकर चलाने से पहले आरएफ सिग्नलल्स 50-वाट आरएफ पावर प्रवर्धकों द्वारा प्रवर्धित किए जाते हैं । भंडारण रिंग में एक और स्ट्रिप-लाइन का उपयोग बीम स्थिति मॉनीटर के रूप में बीटाट्रॉन दोलन देखने के लिए किया जाता है । क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर सतह में बीम की स्थिति के आनुपातिक वास्तविक समय x और z डेल्टा सिग्नल्स उत्पन्न करने के लिए चार स्ट्रिप-लाइन आउटपुट को हाइब्रिड जंक्शनों के नेटवर्क में मिलाया जाता हैं । इस उद्देश्य के लिए कम हानि, फेज अनुकूलित सहअक्षीय केबल का प्रयोग किया जाता है । x/z चयनक से गुजरने के बाद, सिग्नल को आरएफ़ इनपुट स्पेक्ट्रम विश्लेषक पर डाला जाता है । आवृत्ति स्वीपिंग के दौरान, जब उत्तेजन आवृत्ति बीटाट्रॉन साइड बैंड से गुजरती है, तो दोलन का आयाम बढ़ता है और यह स्पेक्ट्रम विश्लेषक पर उच्चतम दिखाई देता है। उच्चतम की आवृत्ति से ट्यून मान की गणना की जाती है और यह मॉनीटर पर दिखती है ।
5) अपघर्षक (स्क्रैपर)
अपघर्षक (स्क्रैपर) एक विनाशी प्रकार का बीम नैदानिक उपकरण है, जिसका उपयोग बीम वाहिका में बीम के केंद्र का पता लगाने और बीम की अनुप्रस्थ सीमा के बारे में अनुमान लगाने के लिए किया जाता है । इसका उपयोग अवशिष्ट बीम को डंप करने के लिए भी किया जा सकता है । क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर स्क्रैपर्स क्रमशः दो अक्षों के लिए उपयोग किए जाते हैं ।
चित्र 13 : अपघर्षक (स्क्रैपर)
प्रचालन का सिद्धांत
अपघर्षक मूलतः एकल या ब्लेड की जोड़ी होती है, जो बीम को काटने के लिए बीम में अनुप्रस्थ रूप से चलती है। बीम धारा, जिसे ब्लेड की स्थिति के फलन के रूप में डाउनस्ट्रीम में मापा जाता है, को अनुप्रस्थ तल में बीम के केंद्र की स्थिति के लिए प्रक्रमित किया जाता है ।
संरचना विवरण
अपघर्षक (स्क्रैपर) के ब्लेड एसएस 316एल के बने होते हैं, जिन्हें स्टेपर मोटर संचालित लेड स्क्रू क्रियाविधि की मदद से बीम में डाला जाता है । सटीक वृद्धि और ब्लेड की स्थिति की आवश्यकता अन्य क्रियाविधि जैसे वातिल प्रवर्तक के उपयोग को प्रतिबंधित करती है । ब्लेड की स्थिति और संचलन जानने के लिए डिजिटल वर्नियर का उपयोग किया जाता है । संसूचक के आउटपुट का उपयोग पश्च-प्रक्रमणके लिए फीडबैक के रूप में किया जाता है । ब्लेड की रैखिक गति सुनिश्चित करने के लिए, बेलनाकार गाइड का उपयोग किया जाता है । स्टेपर मोटर से घूर्णी गति को अपघर्षक ब्लेड की रैखिक गति में बदलने के लिए बॉल स्क्रू का उपयोग किया जाता है । बॉल स्क्रू घर्षण को कम करने और इसलिए आवश्यक बलाघूर्ण को कम करने के लिए घर्षण-रोधी प्रकार के होते हैं । बेहतर सटीकता के लिए, पिच्छट-रोधी (एंटी-बैकलैश) क्रियायाविधि भी लगाई गई है ।
कोर वेल्डित बैलोज का उपयोग निर्वात-वायु अंतराफ़लक में आगे-पीछे की गति से सामंजस्य करने के लिए किया जाता है । अल्प स्प्रिंग दर व बेहतर गति के लिए कोर वेल्डित बैलोज का चयन किया गया है । बैलोज एसएस 316एल से बने हैं । अपघर्षक की बॉडी Al 5083 से बनी है। अपवाह ट्यूब (सीधा भाग) के भाग को बीम वाहिनी के आंतरिक प्रोफाइल के समान करने के लिए अपघर्षक की बॉडी के रूप में उपयोग किया जाता है । चूंकि बीम अपघर्षक भंडारण रिंग का हिस्सा है, अतः इसका डिज़ाइन यूएचवी अनुकूल होना चाहिए । आसान फिटिंग व अनुरक्षण के लिए विभिन्न यूएचवी अनुकूल वियोज्य (डिमाउंटेबल) जोड़ों का उपयोग किया जाता है । डायमंड सेक्शन गास्केट का उपयोग यूएचवी सीलिंग के लिए किया जाता है । चित्र-13 ऊर्ध्वाधर अपघर्षक की असेम्बली ड्राइंग दिखाता है ।
इलेक्ट्रॉनिक्स अपघर्षक के प्रचालन को नियंत्रित करने के लिए, एक माइक्रोकंट्रोलर आधारित कुशल स्थानीय नियंत्रक इकाई विकसित की गई है । नियंत्रक का मुख्य कार्य स्टेपर मोटरों की गति को नियंत्रित करना, डिजिटल कैलिपर्स से ब्लेड की स्थिति जानना और सीमा स्विचों की स्थिति जानना है । तीन स्टेपर मोटरों को नियंत्रित करने के लिए, माइक्रोकंट्रोलर स्टेपर मोटर प्रचालकों को दिशा नियंत्रण और स्पंद भेजता है । इन सिग्नल्स को प्रकाश-युग्मक (ऑप्टोकपलर्स) का उपयोग कर प्रचालक परिपथ से अलग किया जाता है । स्टेपर मोटर आरपीएम को स्पंद दर में बदलाव कर परिवर्तित किया जा सकता है । ब्लेड स्थिति फीडबैक के लिए, मिटुटोयो निर्मित इंटरफेसिंग पोर्ट युक्त डिजिटल कैलिपर्स का उपयोग किया गया है । ब्लेड संचलन के दौरान सीमा स्विच की स्थिति को लगातार मॉनीटर किया जाता है । यदि ब्लेड अपनी चरम स्थिति में पहुंच जाती है तो मोटर बंद हो जाती है । इंटरफ़ेस यूनिट होस्ट कंप्यूटर से आरएस-485 सीरियल लिंक पर जुड़ा है । यह तीनों इकाइयों को एक सामान्य बस से जोड़ दिया जाने देता है ।
प्रचालन : अपघर्षक (स्क्रैपर) को नियंत्रण कक्ष से दूर से प्रचालित किया जाता है । प्रयोक्ता की आवश्यकता के आधार पर, नियंत्रण प्रणाली ब्लेडों को अपेक्षित विस्थापन तक चलाने के लिए नियंत्रक को संकेत भेजती है । ब्लेड की स्थिति के बारे में जानकारी कंसोल पर प्रदर्शित होती है । डीसीसीटी विद्युत-धारा को ब्लेड की स्थिति के फलनके रूप में रिकॉर्ड किया जाता है और कंसोल पर आरेख खींचा जाता है ।
6) भित्ति विद्युत धारा (वॉल करंट) मॉनीटर
टीएल-3 में गुच्छ सिग्नल देखने के लिए भित्ति विद्युत धारा मॉनीटर (डब्ल्यूसीएम) का उपयोग किया जाता है । मॉनीटर से गुजरने वाले गुच्छों की संख्या और आयाम के बारे में जानकारी ऑपरेटर को मिलती है । ट्रांसफ़र लाइन के आरंभ में स्थापित डब्ल्यूसीएम से प्राप्त सिग्नल, बूस्टर से निकाले गए गुच्छों के बारे में जानकारी देता है । टीएल-3 की लंबाई में विभिन्न बिंदुओं पर स्थित भित्ति विद्युत धारा मॉनीटर से गुच्छ सिग्नल्स के मॉनीटरन द्वारा ट्रांसफ़र लाइन से निकलने वाले बीम मार्ग को इष्टतमीकृत किया जाता है ।
प्रचालन का सिद्धांत :
बीम पाइप (निर्वात कक्ष) में बहने वाली बीम विद्युत-धारा विपरीत दिशा में बहने वाली बीम पाइप की आंतरिक सतह पर बहने वाली समतुल्य "भित्ति विद्युत-धारा" (प्रतिबिंब विद्युत-धारा) के साथ प्रवाहित होती है । भित्ति विद्युत-धारा की उत्पत्ति को इस प्रकार समझाया जा सकता है । बीम के कारण विद्युत व चुंबकीय क्षेत्र को यथार्थतः बीम से निकलने वाली विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के रूप में माना जा सकता है । कम आवृत्तियों पर, तरंग का चुंबकीय घटक बीम पाइप की धातु की दीवारों में प्रवेश करता है । अतः, बीम पाइप के बाहर डीसी चुंबकीय क्षेत्र मौजूद होता है और इसे मापा जा सकता है, उदाहरण के लिए, द्वितीय हार्मोनिक प्रकार डीसी ट्रांसफार्मर से । उच्च आवृत्तियों पर, संवाहक बीम पाइप से प्रावहित होने के समय त्वचा के प्रभाव के कारण, तरंग क्षीण हो जाती है । उच्च पर्याप्त आवृत्तियों पर, जहां त्वचा की गहराई दीवार की मोटाई का एक अंश है, क्षीणन प्रभावी रूप से पूरा हो जाता है । बीम पाइप के बाहर कोई उच्च आवृत्ति क्षेत्र प्रकट नहीं होता है । ऐसा होने के लिए, बीम विद्युत-धारा से उत्पन्न क्षेत्र को किसी अन्य विद्युत-धारा वितरण के कारण समान और विपरीत क्षेत्रों द्वारा पूरी तरह से निष्प्रभावी किया जाना चाहिए । चूंकि बीम क्षेत्र बीम पाइप के अंदर प्रकट होते हैं, किन्तु इसके बाहर नहीं, ट्यूब की दीवार में विद्युत-धारा से निष्प्रभावी करने वाला क्षेत्र उत्पन्न होना चाहिए, यही भित्ति विद्युत-धारा है ।
चित्र 14: भित्ति विद्युत धारा (वॉल करंट) मॉनीटर
भित्ति धारा मॉनीटर का एक आरेख चित्र-14 में दिखाया गया है । बीम पाइप में सिरेमिक रिंग लगाकर भित्ति धारा में विद्युत ब्रेक लगाया जाता है और इस विद्युत-धारा को डाइवर्ट कर सिरेमिक रिंग से जुड़े प्रतिरोधों से प्रवाहित किया जाता है । भित्ति धारा के प्रवाह के कारण प्रतिरोधक में विकसित वोल्टेज को सहअक्षीय केबल के माध्यम से आगे की प्रक्रिया और प्रेक्षण के लिए एक निकाला जाता है । परिधीय मोड्स में होने वाली गड़बड़ी से बचने के लिए, प्रतिरोधों को बीम पाइप क्रॉस सेक्शन की परिधि के चारों ओर सममित रूप से कई बिंदुओं पर जोड़ा जाता है । स्थिति असंवेदनशील बीम विद्युत-धारा सिग्नल प्रदान करने के लिए इन प्रतिरोधों के सिग्नल्स को एक साथ जोड़ा जा सकता है । जब बीम, बीम पाइप के केंद्र में नहीं होती है, तो भित्ति धारा कक्ष की परिधि के चारों ओर असमान रूप से वितरित हो जाएगी । इस मामले में, बीम की स्थिति प्राप्त करने के लिए उपयुक्त एल्गोरिथ्म लगा कर प्रतिरोधों के सिग्नल्स को अलग से प्रक्रमित किया जा सकता है । भित्ति धारा मॉनीटर को ढंकने वाले धातु ढांचे से बहने वाली प्रतिबिंब धारा के हिस्से को कम करने के लिए फेराइट कोर इन प्रतिरोधों को घेरती है । फेराइट कोर का उपयोग बाहरी अवांछित धाराओं द्वारा भित्ति धारा मॉनीटर आउटपुट को प्रभावित करने की संभावना को भी कम करता है । इस मॉनीटर में अच्छी उच्च आवृत्ति प्रतिक्रिया का लाभ है ।
प्रचालन
भित्ति धारा मॉनीटर एक निष्क्रिय यंत्र है । इसका सिग्नल डिजिटल भंडारण ऑसिलोस्कोप पर देखने के लिए नियंत्रण कक्ष में निरंतर उपलब्ध रहेगा ।
7) दर्श (साइटिंग) बीम लाइन
दर्श (साइटिंग) बीम लाइन (एसबीएल) एक सिंक्रोट्रॉन विकिरण आधारित नैदानिक बीमलाइन है जिसका उपयोग बीम पैरामीटरों को मॉनीटर करने के लिए विशेष रूप से इण्डस-2 मशीन के कमीशनन के दौरान उस समय होता है जब बीम धारा कम होती है और रिंग में अन्य मॉनीटर ज्यादा प्रभावी नहीं होते हैं । मशीन ऑपरेटर सिंक्रोट्रॉन विकिरण को प्रत्यक्ष रूप से देख सकते हैं । एसबीएल में एक अग्र भाग है जो झिरी (स्लिट), विकिरण अवशोषक, पूर्ण धातु वातीय वॉल्व और तीव्र शटर शामिल से बना होता है । इसमें प्रत्यक्ष अवलोकन के साथ-साथ बीम के आकार, स्थिति को मापने के लिए सीसीडी कैमरे से सुसज्जित दर्पण बॉक्स होता है । सटीक ऊर्ध्वाधर बीम स्थिति को मॉनीटर करने के लिए बाद के चरण में सांतरित (स्टैगर्ड) ब्लेड युग्म-मॉनीटर भी शामिल किया जाएगा । एसबीएल का एक योजनाबद्ध आरेख चित्र-15 में दिखाया गया है ।
चित्र 15 : इण्डस-2 के लिए नैदानिक दर्श बीमलाइन का आरेख
चित्र 16 : इण्डस-2 में स्थापित दर्श नैदानिक बीमलाइन (बीएल-27)
8) सेप्टम छिद्र मॉनिटर
इण्डस-2 में बीम इंजेक्शन दो सेप्टम चुम्बकों की मदद से प्राप्त होता है, एक मोटा सेप्टम एवं बाद में एक पतला सेप्टम होता है । इन दो सेप्टमों के बीम प्रवेश छिद्र का बाहरी क्षेत्र प्रतिदीप्ति पदार्थ से ढका होता है, जिन्हें वीडियो कैमरों द्वारा देखा जाता है । यह मॉनीटर व्यवस्था मशीन प्रचालक को छिद्र से गुजरने वाली किसी भी बीम या बीम के हिस्से, जो अपने वांछित प्रक्षेप-पथ से हट जाती है, के भौतिक निरीक्षण करने में मदद करता है ।
9) इण्डस-2 पर एक्स-रे नैदानिक बीमलाइन (बीएल-24)
सिंक्रोट्रॉन विकिरण (एसआर) आधारित बीम नैदानिक का उपयोग बीम में बिना किसी गड़बड़ी के बीम पैरामीटरों के मापन के लिए किया जाता है । हमने इण्डस-2 पर एक्स-रे नैदानिक बीम लाइन (एक्स-डीबीएल) को डिजाइन, विकसित और कमीशन किया है । यह बीम आकार, बीम अपसरण, बीम उत्सर्जकता, बीम अस्थिरता आदि जैसे अनुप्रस्थ बीम पैरामीटरों को मापने के लिए पिनहोल व्यूह प्रतिबिम्बन (8-18 keV) पर आधारित है । इसका दूरस्थ प्रचालन नियंत्रण और ऑनलाइन मापे गए डेटा के परिणाम इण्डस नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध होते हैं । इन पैरामीटरों की जानकारी इण्डस-2 एसआरएस के स्थिर और सुचारू प्रचालन में मदद करता है । यह मशीन की विभिन्न प्रचालन स्थितियों में मौजूद विभिन्न अनुप्रस्थ अस्थिरताएं खोजने में मदद करता है बीमलाइन का विवरण निम्नलिखित लिंक पर दिया गया है:
https://www.rrcat.gov.in/technology/accel/srul/beamlines/xray_diag_beam.html
10) इण्डस-2 पर दृश्यमान नैदानिक बीमलाइन (बीएल-23)
इण्डस-2 भंडारण रिंग में बीम लाइन बीएल-23 को दृश्यमान नैदानिक बीमलाइन के रूप में डिजाइन, विकसित और कमीशन किया गया है । इसका स्रोत बिंदु इण्डस-2 में बंकन चुंबक (डीपी-10) के 5℃ पोर्ट पर है । एसआर स्रोत बिंदु से 5.5 मीटर पर एक जल शीतित तांबे का दर्पण प्राथमिक पिक-ऑफ दर्पण के रूप में कार्य करता है । यह 5 मिली रैड की कुल क्षैतिज कोणीय स्वीकरण के साथ द्विध्रुवीय प्रकाश के केवल निचले अर्द्ध भाग (दृश्यमान भाग) को अवरुद्ध करता है । बाहर निकला दृश्यमान प्रकाश परावर्तक और अपवर्तक प्रकाशिकी का अनुकरण करता है, और इण्डस -2 की परिरक्षण दीवार के बाहर अदीप्त कक्ष (डार्करूम) में ऑप्टिकल टेबल पर केंद्रित होता है । अदीप्त कक्ष में अंतिम माप बिंदु स्रोत बिंदु से ~ 20 मीटर की दूरी पर है । ऑप्टिकल टेबल पर मापयंत्रण में बीम प्रोफाइलर, द्वैत-प्रसर्प (ड्यूल स्वीप) सिंक्रोस्कैन स्ट्रीक कैमरा, स्थिति संवेदी संसूचक पीएसडी, तीव्र फोटो ग्राही आदि शामिल हैं । वी-डीबीएल का उपयोग अनुदैर्ध्य बीम पैरामीटरों जैसे गुच्छ लंबाई, गुच्छ पृथक्करण, गुच्छ भरण पैटर्न, अनुदैर्ध्य बीम अस्थिरता आदि का निरीक्षण और अध्ययन करने के लिए किया जाता है । बीमलाइन विवरण निम्नलिखित लिंक पर दिया गया हैं:
https://www.rrcat.gov.in/technology/accel/srul/beamlines/visible_diag_beam.html
तालिका 1: इण्डस-2 में बीम नैदानिक उपकरण
क्रम संख्या |
नैदानिक उपकरण का नाम |
कुल मात्रा (संख्या) |
अवस्थिति /वितरण |
प्रकार्य |
टिप्पणी |
1. |
बीम स्थिति सूचक |
56 |
प्रत्येक सेल में 7 नं | .
बीम स्थिति को मापना, सीओडी |
एकल प्रकार : 40 नं. समेकित प्रकार: 16 नं. |
2. |
बीम प्रोफाइल मॉनीटर |
19 |
a) टीएल-3: 8 नं. b) भंडारण रिंग एसएस-1: 2 नं., एसएस-2 से एसएस-8: प्रत्येक खंड में 1 नं. एलएस-1: 1 नं.; सेप्टम कक्ष : 1 नं. |
बीम प्रोफाइल व स्थिति का दृश्य निरीक्षण करना |
प्रतिदीप्ति पदार्थ : Cr डोपित Al2O3 |
3. |
डीसीसीटी |
1 |
एलएस-7 |
औसत बीम धारा को मापना |
|
4. |
स्ट्रिपलाइन |
6 |
एसएस-1, एसएस-2, एसएस-3, एसएस-4, एलएस-6, एलएस-7 प्रत्येक 1 नं. |
ट्यून मापन, बीम सिग्नल निरीक्षण, अस्थिरता संशोधन के लिए अनुप्रस्थ फीडबैक |
ट्यून मापन: एसएस-1: किकर, एसएस-2 : बीम स्थिति मॉनीटर |
5. |
अपघर्षक (स्क्रैपर) |
2 एच + 1 वी |
एलएस-7: 1 एच + 1 वी एसएस-5” 1 एच |
बीम वाहिनी में बीम केंद्र का पता लगाना, अवशिष्ट बीम को डम्प करना |
एच - क्षैतिज अपघर्षक वी - ऊर्ध्वाधर अपघर्षक |
6. |
भित्ति धारा मॉनीटर |
4 |
टीएल-3 |
गुच्छ सिग्नल का निरीक्षण करना |
|
7. |
दर्श (साइटिंग ) बीम लाइन |
1 |
बीएल-27 |
मशीन कमीशनन के दौरान सिंक्रोट्रॉन प्रकाश का निरीक्षण करना |
|
8. |
सेप्टम छिद्र मॉनीटर |
2 |
मोटा व पतला सेप्टम |
सेप्टम मुख पर इंजेक्ट की गई बीम का दृश्य निरीक्षण |
सेप्टम छिद्र सीसीडी केमरा से देखा जाता है |
9. |
इण्डस-2 पर दृष्यमान नैदानिकी बीमलाइन (बीएल-23) |
1 |
इण्डस-2 बीएल-23 |
इण्डस-2 इलेक्ट्रॉन बीम की गुच्छ लंबाई व अनुदैर्ध्य गतिकी को मापना |
|
10. |
इण्डस-2 पर एक्स-रे नैदानिकी बीम लाइन (बीएल-24) |
2 |
इण्डस-2 बीएल-24 |
इण्डस-2 इलेक्ट्रॉन बीम का साइज़, बीम उत्सर्जकता, बीम प्रोफाइल आदि को मापना |
|
11) अनुप्रस्थ गुच्छ दर गुच्छ फीडबैक प्रणाली
भंडारण रिंग में, उच्च बीम धाराओं पर, बीम की अनुप्रस्थ अस्थिरता मशीन के कार्य-निष्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है । अनुप्रस्थ अस्थिरताओं के परिणामस्वरूप बीम संचय में संतृप्ति, आंशिक या पूर्ण बीम क्षय और अनुप्रस्थ बीम साइज़ में वृद्धि आदि हो सकती है । इन अस्थिरताओं को ठीक करने के लिए, इण्डस-2 में अनुप्रस्थ गुच्छ दर गुच्छ फीडबैक प्रणाली लगाई और कमीशनित की गई है । दो फीडबैक लूप एक क्षैतिज सतह के लिए और दूसरा ऊर्ध्वाधर सतह के लिए लगाए गए हैं और ये 2014 से कार्यरत हैं । फीडबैक प्रणाली के विश्वस्त प्रचालन के लिए इण्डस-2 की प्रचालन परिस्थितियों और मशीन पैरामीटरों में परिवर्तन के आधार पर, फीडबैक प्रणाली पैरामीटर जैसे लब्धि (गैन), फिल्टर गुणांक और फेज को इष्टतमीकृत किया गया था ।
अनुप्रस्थ गुच्छ दर गुच्छ फीडबैक प्रणाली का योजनाबद्ध आरेख चित्र-17 में दिखाया गया है । बीम दोलन ग्रहण करने के लिए बीम स्थिति मॉनीटरों (बीपीएम) में से एक को चुना गया है । वास्तविक समय क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर और सिग्नल्स जो बीपीएम पर क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर और अनुदैर्ध्य दोलनों के समानुपाती होते हैं, उत्पन्न करने के लिए बीपीएम के आउटपुट एक आरएफ हाइब्रिड इकाई में फीड किया जाता है ।
आरएफ संकर (हाइब्रिड) इकाई के आउटपुट सिग्नलों को विमॉडुलन के लिए आरएफ के अग्र भाग में फीड किया जाता है और ~253 मेगाहर्ट्ज बैंडचौड़ाई के आधार बैंड सिग्नल उत्पन्नकरते हैं । फीडबैक प्रोसेसर यूनिट का उपयोग मापित अस्थिरता सिग्नल के आनुपातिक किक सिग्नल उत्पन्न करने के लिए किया जाता है । ब्रॉडबैंड आरएफ प्रवर्धकों (एम्पलीफायर्स) का उपयोग कर किक सिग्नल को प्रवर्धित किया जाता है और उच्च शक्ति विभाजक का उपयोग कर 0° और 180° फेज सिग्नल में विभाजित किया जाता है । संशोधन लगाने के लिए विभाजन के आउटपुट को स्ट्रिपलाइन में फीड किया जाता है ।
चित्र-17 अनुप्रस्थ गुच्छ दर गुच्छ फीडबैक प्रणाली का योजनाबद्ध आरेख
अनुप्रस्थ गुच्छ दर गुच्छ फीडबैक प्रणाली का मेटलैब (MATLAB) आधारित जीयूआई विकसित किया गया है और इसका फ़ोटो चित्र-18 में दिखाया गया है । सॉफ्टवेयर, गुच्छ दर गुच्छ अग्र भाग और फेज व आयाम के स्वचालित समायोजन के लिए और प्रोसेसिंग यूनिट के साथ इंटरफेस करता है ।
चित्र-18: अनुप्रस्थ गुच्छ दर गुच्छ फीडबैक प्रणाली के जीयूआई का फ़ोटो
सॉफ्टवेयर गुच्छ दर गुच्छ डेटा अभिग्रहित करता है और बीम पैरामीटर मापने के लिए अभिग्रहित डेटा के सिग्नल-रव अनुपात (सिग्नल टु नॉइज़ रेश्यो) को बेहतर बनाने के लिए सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीक का उपयोग करता है । सॉफ्टवेयर, फीडबैक प्रचालन के लिए एकल बटन कंट्रोल हेतु प्रयोक्ता इंटरफेस प्रदान करता है और फीडबैक अवस्था, बीम धारा, बीम ऊर्जा आदि जैसे डेटा भी लॉग करता है ।
12) H-लिनेक के लिए नैदानिकी b
फैराडे कप :
फैराडे कप का उपयोग गुच्छ-आवेश, कालिक प्रोफाइल और गुच्छ लंबाई को मापने के लिए किया जाता है । यह कमीशनन और अभिलक्षणन के दौरान बहुत उपयोगी है । दो प्रकार के फैराडे कप डिजाइन किए गए थे, एक 50 मिमी छिद्र-द्वार के साथ आयन स्रोत से H-आयन बीम के आरंभिक असंशोधित तुलनात्मक रूप से बड़े बीम आकार के प्रारंभिक अभिलक्षणन के लिए और दूसरा 20 मिमी छिद्र-द्वार के साथ आयन स्रोत के बाद संशोधित और नियंत्रित बीम के लिए । एफसी के लिए तापीय भार, उच्च-निर्वात अनुकूल विद्युत अलगाव और संरचनात्मक अखंडता प्रमुख डिजाइन मुद्दे थे ।
चित्र 19(a) 50 मिमी एपर्चर फैराडे कप असेम्बली चित्र 19(b) 20 मिमी एपर्चर फैराडे कप असेम्बली
उभय झिरी (डबल स्लिट) प्रकार का उत्सर्जकता मॉनीटर :
उभय झिरी (डबल स्लिट) प्रकार के उत्सर्जकता मॉनीटर में दो झिरियां होती हैं : स्थिति के लिए प्राथमिक झिरी और कोणीय वितरण के लिए संग्राहक झिरी । प्राथमिक और द्वितीयक झिरियां 1 मिमी मोटी टंगस्टन शीट से बनी होती हैं जिस पर 12 मिमी ओएफई तांबे की प्लेट का आवरण होता है, और बीम को गुजरने देने के लिए 200 माइक्रोन का छिद्र होता है । प्राथमिक झिरी में 120 मिमी का स्ट्रोक होता है, ± 20 माइक्रोन स्थिति निर्धारण सटीकता और 2 माइक्रोन विभेदन के साथ बीम अनुप्रस्थ को बीम अक्ष पर स्कैन करता है । संग्राहक झिरी प्राथमिक झिरी की स्थिति के बारे में ± 25 मिमी तक स्कैन करता है और इसमें इन्सुलेटड संग्राहक प्लेट होती है जो प्राथमिक झिरी की स्थिति का कोणीय वितरण देने के लिए H-आयन एकत्र करता है । स्वदेशी रूप से विकसित अल्प धारा मापने वाले उपकरण का उपयोग संग्राहक प्लेट पर धारा को मापने के लिए किया गया है ।
चित्र 20(a) H-आयन स्रोत पर फेज अंतराल वितरण चित्र 20(b) H-आयन स्रोत पर फेज अंतराल वितरण
एलईबीटी नैदानिक कक्ष:
नैदानिक कक्ष, H-लिनेक के एलईबीटी के लिए विभिन्न नैदानिक उपकरणों को रखने के लिए एक मल्टी-पोर्ट निर्वात संरोधन है । स्थान की सीमा और एलईबीटी में आवश्यक नैदानिक उपकरणों की संख्या के कारण छोटा-सघन (काम्पैक्ट), यूएचवी अनुकूल मल्टी-पोर्ट कक्ष डिजाइन किया गया । उपलब्ध डिजाइन संहिता इस प्रकार के संवृत (क्लोज) पोर्ट मुख-द्वार की अनुशंसा नहीं करते हैं, इसकी संरचनात्मक अखंडता की पुष्टि करने के लिए एक विस्तृत अनुरूपण (सिमुलेशन) आधारित संरचनात्मक विश्लेषण किया गया था । कक्ष में झिरी व वीणा प्रकार के उत्सर्जकता मॉनीटर, वायर स्कैनर, फैराडे कप को समायोजित करने के लिए 12 विभिन्न साइज़ के पोर्ट हैं, और टीएमपी, एसआईपी व बीए गेज के लिए पोर्ट हैं ।
चित्र 21 (a) एलईबीटी के लिए मल्टी-पोर्ट नैदानिक कक्ष ; चित्र 21 (b) नैदानिक उपकरणों के लिए मॉड्यूलर प्रवर्तन मैकेनिज्म
13) इण्डस-2 के बीम स्थिति सूचकों के अंशांकन के लिए सेटअप
बीम स्थिति सूचक (बीपीआई) अन-अवरोधक नैदानिक उपकरण हैं जिनका उपयोग त्वरक में इलेक्ट्रॉन बीम की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है । इण्डस-2 के लिए उच्च संवेदनशीलता और अधिक सटीक बीम स्थिति मापन के लिए उन्नयित बीपीआई डिज़ाइन किया गया है । इन बीम स्थिति सूचकों को इण्डस-2 रिंग में स्थापित करने से पहले एक परीक्षण बेंच पर इनका अंशांकन किया जाता है । अंशांकन का उद्देश्य प्रेरित वोल्टेज सिग्नल्स को स्थिति की जानकारी में बदलने के लिए संवेदनशीलता और उपयुक्त मैपिंग फ़ंक्शन का पता लगाना है । इन बीपीआई से स्थिति की जानकारी का उपयोग संवृत कक्षा विकृति में संशोधन और माइक्रोन के कुछ दसवें भाग में कक्षा को बनाए रखने के लिए किया जाता है । एक उन्नयित अंशांकन प्रणाली को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है ।
चित्र 22: बीम स्थिति सूचकों के अंशांकन के लिए उन्नयित प्रणाली और जीयूआई सॉफ्टवेयर
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