ठोस-अवस्था आरऍफ़. प्रवर्धक
वीएचऍफ़ से एस-बैंड तक की विभिन्न आवृत्तियों जैसे कि 31.613 मे.हर्त्ज, 325 मे.हर्त्ज, 476 मे.हर्त्ज, 505.8 मे.हर्त्ज, 650 मे.हर्त्ज, 1.3 गीगा हर्त्ज तथा 2.856 गीगा हर्त्ज पर कैट में पल्स एवं सीडब्लू प्रवार्धकों का डिज़ाइन एवं विकास किया गया हैI इनमें से कुछ का ऊपर तथा शेष का नीचे वर्णन किया गया हैI
अ) एचटीएस के लिए 650 मे.हर्त्ज पर ठोस-अवस्था आरऍफ़. प्रवर्धक का विकास
एससी आरऍफ़ गुहिकाओं के परीक्षण के लिए एचटीएस सुविधा में, एचटीएस क्रायोस्टेट को स्थापित किया गया हैI इसी सुविधा में 650 मेगाहर्त्ज़, 40 कि.वाट सर्क्युलेटर के साथ एक 650 मेगाहर्त्ज़, 36 कि.वाट के ठोस-अवस्था आरऍफ़. प्रवर्धक को एससी आरऍफ़ गुहिकाओं के परीक्षण हेतु स्थापित किया गया हैI आइआइऍफ़सी सहयोग गतिविधि के तहत फर्मी लैब यूएसए के लिए, इस-प्रकार के तथा 70 किवाट के बहुत से प्रवार्धकों का भी निर्माण जल्द ही किया जाना हैI
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चित्र 11: 650 मे.हर्त्ज ठोस-अवस्था आरऍफ़. प्रवर्धक |
ब). आरऍफ़क्यू के लिए 325 मेगाहर्त्ज ठोस-अवस्था आरऍफ़. प्रवर्धक
आरआरकैट स्पैलेशन स्रोत की भारतीय सुविधा की दिशा में अनुसंधान और विकास के प्रयासों में लगा हुआ हैI इसी के तहत एक रेडियो फ्रीक्वेंसी क्वाड्रुपोल का विकास प्रगति पर हैI इस क्वाड्रुपोल को 325 मेगाहर्त्ज़ फ्रीक्वेंसी के चार ठोस-अवस्था प्रवर्धकों के द्वारा ऊर्जित किया जायेगाI प्रत्येक प्रवर्धक की उत्पादन शक्ति, 1 मि.से. से 5 मि.से. तक की चर पल्स विड्थ तथा 50 हर्त्ज की पल्स पुनरावृत्ति के साथ 150 किलोवाट होगीI इस 150 किलोवाट के प्रवर्धक को तीन 50 किलोवाट की इकाइयों के साथ बनाया जायेगाI
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Fig.12 : 150 kW, 325 MHz solid-state RF amplifier |
इस एम्पलीफायर की मुख्य विशेषता केन्द्र में ही डिज़ाइन किए गए प्रवर्धक मॉड्यूल, टू-टीयर रेडियल विभाजक, युग्मक और एपर्चर युग्मित दिशात्मक कप्लर्स का उपयोग कर तैयार किया गया इसका मॉड्यूलर और स्केलेबल डिज़ाइन आर्किटेक्चर है।
सुपरकंडक्टिंग गुहिका के उपयोग के साथ ठोस अवस्था रेडियो फ्रीक्वेंसी एम्पलीफायरों (एसएसआरएफए) का कि.वाट आरएफ पावर स्तर पर चक्रीय एवं रैखिक दोनों तरह के त्वरकों में उपयोग बढ़ता जा रहा है। इनकी क्षमता कुछ किलोवाट से लेकर कई सौ किलोवाट तक और कुछ मेगाहर्ट्ज से लेकर 1 गीगाहर्ट्ज तक होती है। इन्होंने एससीआरऍफ़ गुहिका के प्रचलन के साथ काफी ध्यान आकर्षित किया है। सॉलिड स्टेट डिवाइस आधारित आरएफ स्रोत प्रयोग करने का लाभ अत्यधिक मॉड्यूलरिटी, सरल रखरखाव, रिडन्डेन्ट डिजाइन, उच्च वोल्टेज बिजली की आवश्यकता न होना, आसान रखरखाव, कम लागत, बिना वार्म अप समय और सरल स्टार्ट-अप प्रक्रियाओं का होना है। इन सब विशेषताओं की वजह से, आरआरकैट में, इंडस-1 और इंडस-2 आरएफ सिस्टम के लिए एसएसआरएफए संबंधित गतिविधियां शुरू की गईं हैं।
स). एस-बैंड एसएसआरऍफ़ए का विकास
2 कि.वाट, 20 माइक्रोसे. स्पंद विस्तार तथा 400 हर्त्ज पीआरआर तक के विभिन्न एस-बैंड उच्च शक्ति प्रवर्धकों को विकसित किया गया है| इन स्वदेशी प्रवर्धकों की विशेषता, उच्च आयाम स्थिरता तथा एवं उच्च विश्वसनीयता है।
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चित्र 13: स्वदेशीय 1 कि.वाट ऍसबैंड प्रवर्धक |
द). 476 मेगाहर्त्ज तथा 499.75 मेगाहर्त्ज पर सघनित उच्च-शक्ति स्पंदित प्रवर्धक
476 मेगाहर्त्ज तथा 499.75 मेगाहर्त्ज पर क्रमशः 10 कि.वाट तथा 20 कि.वाट स्पंदित ठोस-अवस्था प्रवर्धकों का विकास किया गया है| प्रवर्धकों का डिज़ाइन सुगठित (सघन) है|
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चित्र 14: 20 कि.वाट 499.75 मेगाहर्त्ज एसएसपीए |
ध. उच्च-शक्ति निष्क्रिय समाक्षीय लाइन घटकों का विकास
सभी उच्च-शक्ति समाक्षीय एवं द्रढ़ निष्क्रिय घटकों, मसलन- त्रिमर्गीय-संयोजक, 40 मार्गीय विभाजक-संयोजक का युग्म, डायरेक्शनल कप्लर्स एवं फेज शिफ्टर्स का प्रभाग द्वारा किया विकास गया हैI इन सभी घटकों का आधारभूत डिज़ाइन-गणनानुसार विकास करने के पश्चात, सही तरीके से ओप्टीमायजेशन एवं ट्यूनिन्ग तथा फुलवेव इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनालिसिस भी किया गया हैI
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चित्र15: 2-मार्गीय संयोजक, 16-मार्गीय एवं 40-मार्गीय रेडियल विभाजक/ संयोजक
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चित्र16: त्रिमार्गीय उच्च-शक्ति संयोजक
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चित्र 17: 1 कि.वाट डायरेक्शनल कपलर एवं डायरेक्शनल सेंसर |
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चित्र 18: उच्च-शक्ति डायरेक्शनल कपलर |
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